छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित डोंगरगढ़, एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 1610 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।

मंदिर का इतिहास और महत्व
मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि मां बम्लेश्वरी देवी से भक्तों द्वारा मांगी गई मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर को बमलाई दाई या दाई बमलाई, मां बगलामुखी के नाम से भी जाना जाता है.

मंदिर की विशेषताएं –
मंदिर की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- मंदिर की ऊंचाई 1610 फीट है।
- मंदिर के चारों ओर हरे भरे वन, पहाड़ और तालाब हैं।
- मंदिर में प्रति वर्ष चैत्र नवरात्र और क्वांर नवरात्र के समय दो बार भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
- मंदिर में सीढ़ियों के अलावा रोपवे की सुविधा भी है.

पर्यटन विकास
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत, मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर और डोंगरगढ़ को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा रहा है। इस योजना के तहत:
- 48 करोड़ 43 लाख 83 हजार रुपये की लागत से अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
- प्रज्ञागिरि पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
- श्रीयंत्र के आकार में पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है.

डोंगरगढ़ की अन्य विशेषताएं –
डोंगरगढ़ की अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- डोंगरगढ़ राजधानी रायपुर से 106 किलोमीटर और जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- डोंगरगढ़ को धर्मनगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- डोंगरगढ़ में अनेक धर्मशालाएं, लॉज, होटल और भोजनालय हैं।