नई दिल्ली,06मई 2025 :भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने मार्च तिमाही में अपने 15 लाख करोड़ रुपए के इक्विटी पोर्टफोलियो को रिसफल किया है. जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, एसबीआई और पतंजलि फूड्स पर बड़ा दांव लगाया, जबकि आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, टीसीएस और बजाज ट्विन्स में निवेश कम किया. प्राइम डेटाबेस के नए आंकड़ों के अनुसार, LIC ने 81 एनएसई- लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई और 82 में हिस्सेदारी कम कर दी, क्योंकि पीएसयू बीमाकर्ता का इक्विटी पोर्टफोलियो मार्च के अंत तक 0.73% गिरकर 15.17 लाख करोड़ रुपए हो गया.
LIC ने 2.95 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे
आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान सबसे बड़ी बढ़ोतरी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में हुई, जहां LIC ने 2.95 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जिसमें करीब 3,690 करोड़ रुपए का निवेश किया गया. इसके अलावा लार्सन एंड टूब्रो (2,978 करोड़ रुपए), एशियन पेंट्स (2,472 करोड़ रुपए), एचयूएल (2,350 करोड़ रुपए) और बजाज ऑटो (1,948 करोड़ रुपए) शामिल हैं.
टाटा मोटर्स में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई
एलआईसी ने टाटा मोटर्स में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, 1,570 करोड़ रुपए के 2.23 करोड़ शेयर खरीदे, जबकि शेयर में 8.9% की गिरावट आई थी. पतंजलि फूड्स में बीमा कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत अंक बढ़ाई, जो प्रतिशत के लिहाज से सबसे अधिक बढ़ोतरी है, इसमें 1,631 करोड़ रुपए के शेयर जोड़े.
ICICI बैंक में सबसे बड़ी नेट सेल्स हुई
दूसरी ओर, आईसीआईसीआई बैंक में सबसे बड़ी नेट सेल्स हुई, जिसमें एलआईसी ने 2,006 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि शेयर में 5.2% की बढ़ोतरी हुई. आईटी कंपनियों में, इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो ने तिमाही के दौरान शेयर की कीमतों में गिरावट के बीच 4,460 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री देखी.
बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व हिस्सेदारी घटाई
बता दें, कि LIC ने बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व में भी अपनी हिस्सेदारी घटा दी, जबकि तिमाही आधार पर इन दोनों कंपनियों ने 30% और 28% से अधिक का प्रॉफिट कमाया. बीमा कंपनी ने दोनों कंपनियों के बीच 659 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. सेक्टर के स्तर पर बात करें तो एलआईसी ने कमोडिटी, ऊर्जा और वित्तीय सेवाओं में अपना निवेश बढ़ाया.
IT पोर्टफोलियो में लगभग 35,000 करोड़ रुपए की कमी
इसके अलावा, इसके आईटी पोर्टफोलियो में लगभग 35,000 करोड़ रुपए की कमी आई.एफएमसीजी होल्डिंग्स में भी 5,435 करोड़ रुपए की कमी देखी गई. वहीं टाटा केमिकल्स, सीईएससी और ग्रैन्यूल्स इंडिया जैसी छोटी कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई. इस बीच, साउथ इंडियन बैंक, इंजीनियर्स इंडिया और शिपिंग कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी में काफी कमी आई.