मुंबई,30 अप्रैल 2025 : भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर केसर की कीमतों पर पड़ना शुरू हो गया है. बीते कुछ दिनों में ही हाई क्वालिटी की केसर की कीमत 10 प्रतिशत तक बढ़कर 5 लाख रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है. आपको बता दें भारत के कश्मीर में भी केसर का उत्पादन होता है, लेकिन ये खपत से कई गुना कम है. इसलिए भारत अफगानिस्तान और ईरान से केसर की आपूर्ति करता है जो कि फिलहाल भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते वाघा बॉर्डर बंद होने की वजह से भारत नहीं पहुंच पा रही.
सोने से सस्ती, शिलाजीत से महंगी
भारत में केसर की कीमत कुछ दिनों पहले तक 4.25 लाख रुपए से 4.50 लाख रुपए प्रति किलो के आसपास थी, लेकिन अफगानिस्तान और ईरान से केसर की सप्लाई नहीं होने की वजह से केसर की कीमत 5 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है, जो कि 50 ग्राम सोने की कीमत के बराबर है. आपको बता दें भारत में फिलहाल 10 ग्राम सोने की कीमत 99, 194 रुपए है. दूसरी और शिलाजीत की बात करें तो इसकी कीमत फिलहाल 450 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास है और 1 किलो शिलाजीत की कीमत 4.50 लाख रुपए के आसपास है जो केसर से सस्ती है.
भारत में केसर की इतनी है खपत
चेन्नई के बेल सैफ्रॉन के को-फाउंडर नीलेश मेहता के अनुसार पहलगाम अटैक के बाद ईरानी केसर की कीमत 5 फीसदी तक बढ़ गई है, जो पहले 4.5 लाख रुपए प्रति किलो मिलती थी, अब 5 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. उनके अनुसार ईरानी केसर भारत के कश्मीर में पैदा होने वाली केसर से सस्ती है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में कुल केसर की खपत 55 टन तक है, लेकिन कश्मीर में केवल 5 से 7 टन ही केसर का उत्पादन होता है. इस वजह से भारत को अफगानिस्तान और ईरान से केसर की पूर्ति करनी पड़ती है.
कहा यूज होती है केसर
आमतौर पर केसर को उपयोग मिठाई और पकवान बनाने में होता है. इस वजह से शादी-ब्याह के सीजन में केसर की डिमांड बढ़ जाती है. जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (विस्तार) सरताज अहमद शाह के अनुसार केसर के 160 से 170 फूलों में से केवल 10 ग्राम केसर ही प्राप्त होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि कश्मीर में सीमेंट फैक्ट्री और प्रदूषण बढ़ने की वजह से केसर के उत्पादन पर असर पड़ा है. उनके अनुसार केसर का फूल काफी नाजुक होता है और धूल की वजह से वो खराब हो जाता है.