नई दिल्ली ,13अप्रैल 2025: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बीते कारोबारी हफ्ते के लगातार 9वें सत्र में घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली जारी रखी. इस महीने अब तक एफआईआई ने कुल ₹31,575 करोड़ की बिकवाली की है. बीते तीन महीनों से एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अब तक कुल ₹1,48,149 करोड़ के शेयर बेच चुके हैं.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बीते कारोबारी हफ्ते के लगातार 9वें सत्र में घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली जारी रखी. इस महीने अब तक एफआईआई ने कुल ₹31,575 करोड़ की बिकवाली की है. बीते तीन महीनों से एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अब तक कुल ₹1,48,149 करोड़ के शेयर बेच चुके हैं.
जनवरी में एफआईआई ने ₹78,027 करोड़, फरवरी में ₹34,574 करोड़ और मार्च में ₹3,973 करोड़ की बिकवाली की थी. शुक्रवार को भी एफआईआई ने ₹2,519.03 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ₹3,759.27 करोड़ के नेट खरीदार रहे.
कब-कब की बड़ी बिकवाली
वित्त वर्ष 2024-25 में एफआईआई ने सात बार मासिक स्तर पर बिकवाली की. सबसे ज्यादा बिकवाली अक्टूबर और जनवरी में हुई, जब एफआईआई ने क्रमशः ₹94,017 करोड़ और ₹78,027 करोड़ के शेयर बेचे.
ट्रंप के टैरिफ का असर भारत पर भी
Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ‘जवाबी टैरिफ’ के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी जा रही है, जिसका असर भारत में एफपीआई निवेश पर भी पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि 20 से 27 मार्च के बीच एफपीआई भारत में खरीदार बने थे, लेकिन वैश्विक उथल-पुथल के चलते वे फिर से विक्रेता बन गए हैं.
विजयकुमार का मानना है कि मध्यम अवधि में एफपीआई दो कारणों से दोबारा भारत का रुख करेंगे।अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आना तय है.FY26 में बेहतर कमाई की संभावना. मौजूदा उथल-पुथल खत्म होने के बाद एफपीआई रणनीति में स्पष्टता आएगी. वैश्विक मंदी के बीच भी भारत FY26 में 6% की दर से विकास कर सकता है, जो एफपीआई को आकर्षित करने में मदद करेगा।
बाजार में तेजी, लेकिन ट्रेंड अब भी कमजोर
शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 70 से अधिक देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर लगाए गए टैरिफ को जुलाई तक स्थगित करने के फैसले के बाद बाजार में जोरदार तेजी देखी गई. बीएसई सेंसेक्स 1,310.11 अंक या 1.77% की तेजी के साथ 75,157.26 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 429.40 अंक या 1.92% चढ़कर 22,828.55 पर बंद हुआ.
हालांकि, एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट रूपक डे का कहना है कि बाजार की चाल अभी भी कमजोर बनी हुई है. निफ्टी ने डेली टाइमफ्रेम पर 21-EMA के पास रेसिस्टेंस फेस किया और दिन के ऊपरी स्तर से नीचे बंद हुआ. जब तक निफ्टी 23,000 के ऊपर निर्णायक रूप से नहीं निकलता, ट्रेंड कमजोर रहेगा. नीचे की ओर 22,750 पर सपोर्ट है और इसके नीचे जाते ही बिकवाली तेज हो सकती है. अगर निफ्टी decisively 23,000 पार करता है, तो यह 23,500 की ओर तेजी से बढ़ सकता है.