Vedant Samachar

कोरबा: एसईसीएल की कोयला खदानों से हो रहा प्रदूषण, डस्ट से लोगों का घुट रहा दम; उग्र आंदोलन की चेतावनी

Vedant Samachar
3 Min Read

कोरबा ,18 मार्च 2025 (वेदांत समाचार) । SECL दीपका क्षेत्र की कोयला खदानों से होने वाला प्रदूषण स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहा है। हाल ही में किए गए सर्वे में यहां वायु प्रदूषण के स्तर ने खतरनाक सीमा पार कर लिया है।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के नेतृत्व में सिरकी खुर्द की उपसरपंच कमलेश्वरी दिव्या ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को 9 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। इनमें प्रमुख मांग यह है कि श्रमिक चौक से सिरकी मोड़ तक की सड़कों और नालियों की सफाई की जाए।

कोरबा में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा से पार हो गया है

वाटर स्प्रिंकलर की मरम्मत की मांग

ग्रामीणों ने वाटर स्प्रिंकलर की मरम्मत और नियमित संचालन की मांग की गई है। साथ ही सड़क को कांक्रीट से पक्का करने की भी मांग है। कोयला साइडिंग में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पर्यावरण प्रबंधन योजना का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।

आंखों में जलन, गले में खराश जैसी समस्या

स्थानीय लोगों के मुताबिक, शाम होते ही पूरा क्षेत्र धुंध और धूल में समा जाता है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। साइडिंग के आसपास वृक्षारोपण और वाइट विंड ब्रेकर लगाने की भी मांग की गई है।

स्थानीय लोगों ने यहां सड़क को कांक्रीट से पक्का करने की मांग की है

इस क्षेत्र की वायु गुणवत्ता गंभी

कुछ दिन पहले डस्ट को लेकर सर्वे किया गया था। सर्वे में दीपका में पीएम 2.5 का स्तर 374 और पीएम 10 का स्तर 411 को पार कर गया, जो वायु गुणवत्ता के लिहाज से ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम ने कहा है कि लोगों के जीवन के साथ खदान के अधिकारी खिलवाड़ कर रहे हैं। कोल डस्ट प्रदूषण धूल के कण से गांव के ग्रामीण जहर पीने को मजबूर हैं ।

उग्र आंदोलन की चेतावनी

उनका कहना है कि दीपका प्रबंधन और उनके अधिकारी सिर्फ अपनी कोयला खदान के विस्तार को महत्व दे रहे हैं। यहां पर्यावरण अधिनियम के कानून का प्रबंधन और उनके अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं संगठन ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।

Share This Article