कोरबा,21 अप्रैल (वेदांत समाचार)। रेलवे प्रोजेक्ट में काम करने वाले पहाड़ी कोरवा आदिवासी मजदूरों को भुगतान नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। ठगी का शिकार हुए इन मजदूरों ने पुलिस और प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली।
कोरबा जिले के ग्राम चुइया निवासी ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बालको निवासी रेलवे ठेकेदार सुनील साहू ने उन्हें काम पर रखा था। ठेकेदार ने समय पर मजदूरी देने का वादा कर दो हफ्ते तक कड़ी मेहनत करवाई, लेकिन भुगतान के समय से पहले ही वह भाग खड़ा हुआ।

पीड़ित मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार की पत्नी ने बीमारी का बहाना बनाते हुए कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन जब मजदूरों ने खुद जानकारी निकाली, तो पता चला कि यह सब बहाना है और ठेकेदार जानबूझकर भुगतान से बच रहा है।
मजदूरों ने बालको पुलिस चौकी, कोतवाली और उरगा थाना तक पहुंचे, लेकिन वहां से भी उन्हें अदालत जाने की सलाह देकर लौटा दिया गया। आर्थिक रूप से कमजोर पहाड़ी कोरवा आदिवासी मजदूर अब न्याय की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं।

सवाल यह है कि क्या प्रशासन के अधिकारी संवेदनशीलता दिखाएंगे?
कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ सरकार का सुशासन अभियान चल रहा है, लेकिन क्या इस अभियान के तहत इन मजदूरों को न्याय मिलेगा? क्या प्रशासन के अधिकारी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और मजदूरों को उनका हक दिलाएंगे?