Vedant Samachar

KORBA NEWS: तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन्य प्राणियों के हमले लोगों पर हो रहे ,जंगली सूअर के हमले में युवती सहित तीन जख्मी…

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गुरसिया क्षेत्र में सुबह 6 बजे हुई घटना

कोरबा,10 मई 2025(वेदांत समाचार)। तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान वन्य प्राणियों के हमले लोगों पर हो रहे हैं। गुरसिया क्षेत्र में आज हुई ऐसी ही घटना में एक युवती, महिला और एक उम्रदराज व्यक्ति जख्मी हो गया। इनमें से एक की स्थिति नाजुक बनी हुई है। तीनों को पोड़ी उपरोड़ा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एतमानगर रेंज के गुरसिया क्षेत्र में नेटी जंगल भैसा में आज सुबह 6 बजे यह घटना हुई। पोड़ी उपरोड़ा से नानक सिंह राजपूत ने इस बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराई है। बताया गया कि इलाके के काफी लोग तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए जंगलों में जा रहे हैं। हर किसी को अपने लक्ष्य का ख्याल है, खतरे का नहीं। वैसे भी इस मौसम में 7 बजे के बाद धूप की चुनौती सामने होती है इसलिए ग्रामीण सूर्योदय से काफी पहले निकल जाते हैं। बताया गया कि गुरसिया से लगे जंगल में लोगों का समूह अलग-अलग हिस्से में तेंदूपत्ता एकत्र कर रहा था। इसी दरम्यान जंगली सूअर ने अचानक उपस्थिति दर्ज कराई और 18 वर्षीय सुहानी पिता जयकरण, 42 वर्षीय पवारो बाई पति हीरा और 80 वर्षीय गंभीर साय पिता कुमार साय को जख्मी कर दिया। पीडि़तों को सिर, पैर और दूसरे हिस्सों में चोटे आई है। जंगली सूअर के हमले के दौरान इन लोगों के चीखने की आवाज आई जिस पर आसपास के लोग सक्रिय हुए। उन्होंने अपने स्तर पर सतर्कता बरती और तत्कालिक प्रयासों से जंगली सूअर को खदेड़ दिया। कुछ देर के बाद अन्य लोगों की सहायता से पीडि़तों को अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की गई। मामले की जानकारी होने पर वन विभाग की टीम यहां पहुंची और पीडि़तों के उपचार के लिए शुरूआती सहायता राशि दी।

तीर लगने से जानवर के व्यवहार में परिवर्तन

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले शिकारी के द्वारा जंगली सूअर को मारने की कोशिश की गई। इसके लिए जहर बुछे तीर का उपयोग किया गया। इस घटना में का अंत तो नहीं हुआ लेकिन जहर के असर से वह पागलपन की चपेट में आ गई और तब से लगातार तेंदूपत्ता तोडऩे वालों को चपेट में ले रही है। सूअर के दांत बाहर नहीं निकलने से कहा जा रहा है कि वह मादा हो सकती है क्योंकि इस प्रकार के लक्षण नर जंगली सूअर में नहीं होते। एक विशेषज्ञ ने बताया कि जंगली जानवरों का स्वभाव भिन्न-भिन्न होता है और वे परिस्थितियों के हिसाब से मानव के साथ आचरण करते हैं। इसलिए इस दिशा में भी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

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