Korba Breaking: कोयला खदान के प्रदूषित पानी ने ली दो मासूम बच्चियों की जान, परिवार में पसरा मातम…जिम्मेदार कौन?

कोरबा, 01 अप्रैल (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले से 120 किलो मीटर दुरस्थ ग्राम पंचायत अडसरा के आश्रित गांव केंदई विकास खंड पोड़ी उपरोड़ा में खुजली के भयावह संक्रमण और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दो मासूम बालिकाओं की मौत हो गई। झकझोराने वाली इस घटनाक्रम में मृतक बच्चों में से एक पूजा पंडो, उम्र 1 वर्ष, निवासी केंदई और दूसरी सुमन पडो, उम्र 5 वर्ष, पिता संतराम पंडो, ग्राम केदाई, पंचायत अडसरा, विकास खंड पोड़ी उपरोड़ा हैं।

दरअसल,कोयला खदान विजय वेस्ट के कोयला उत्खनन से पानी के स्रोत सूख गए हैं, जिससे गांव में पानी के लिए त्राहि-त्राहि भी मची हुई है। प्रदूषित गंदे पानी के सेवन करने के लिए लगभग 38 परिवार विवश हैं। दक्षिण पूर्व कोयला क्षेत्र की कोयला खदान के कारण राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति का जन जीवन बुरी तरह तबाह हो रहा है और अनेक बूढ़े बच्चों में खुजली का संक्रमण फैल गया है। जिसका विगत समय में स्वास्थ्य शिविर लगा करके मानो औपचारिकता पूरी की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और बढ़ते औद्योगिक करण के कारण गांव में प्रदूषित पानी की समस्या यहां बढ़ गई है। गांव के लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी सेहत खराब हो रही है। गांव में जो सब्जी भाजी खेती किसानी होती थी वह सब धीरे-धीरे बर्बाद होती चली जा रही है।

मृतक सुमन
मृतक पूजा

पूजा और सुमन एक ही परिवार की बालिकाएं है उनकी दादी मां मानमती पंडो से आज ने बात की उसने दर्द भरे भाव से दोनों मासुम बच्चों की मौत की जानकारियां दी और कोयला खदान को दोषी ठहराया।मानमती के चार लड़कों में से दो संतराम और सोनू पंडो की यह दोनों पूजा और सुमन पुत्रियां थी। मृतक के चाचा बाबूलाल पंडो ने बताया जब से विजय बेस्ट कोयला खदान से उत्खनन शुरू हुआ है गांव में प्रदूषित पानी मिल रहा है पहले के पानी के स्रोत सूख गए हैं। इसी प्रदूषित पानी से बीमारियां फैल रही है। गांव के जान साहब पंडों ने भी बताया कि हालात अच्छे नहीं हैं। कुछ लोगों को पैरालिसिस अटैक भी हुआ है।

सरपंच

इस संदर्भ में नवनिर्वाचित सरपंच ध्वजवाहन सिंह आयाम ने बताया कि कोयला खदान उत्खनन के बाद से पानी प्रदूषण की समस्या हुई है हाल ही में शिविर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया गया था एसईसीएल के अधिकारी लगातार गांव आ रहे हैं।


इस घटना के बाद गांव के लोगों में आक्रोश है और वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोयला खदान के उत्खनन को रोका जाए और गांव में पानी की व्यवस्था की जाए। वे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।यह घटना न केवल केंदई गाँव की त्रासदी है, बल्कि यह उन सभी दूरस्थ समुदायों की भी कहानी है जो विकास के नाम पर अपने अस्तित्व को खो रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन आवाजों को सुनें और यह सुनिश्चित करें कि किसी और बच्चे को इस तरह की पीड़ा से न गुजरना पड़े।