पुतिन को पार्किंसंस बीमारी का खतरा, जानें क्या है, कैसे होती है?

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा दावा किया है. जेलेंस्की ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस वक्त अपने खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं और वह जल्द ही मरेंगे. जेलेंस्की का यह बयान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात के बाद आया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पुतिन जल्द मरेंगे और यह एक सच है.

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पुतिन को पार्किंसंस बीमारी है. हालांकि, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि पुतिन को वाकई यह बीमारी है या नहीं. फिलहाल केवल इसको लेकर आशंका जताई जा रही है, लेकिन कुछ स्पष्ट नहीं है. हालांकि इस चर्चा से अब पार्किंसंस बीमारी के बारे में जानना जरूरी है. यह बीमारी कैसे होती है. इस बारे में डॉक्टर ने बताया है.

क्या होती है पार्किंसंस बीमारी?
यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, इस बीमारी में शरीर कांपने लगता है, हिलने-डुलने में दिक्कत होती है और धीरे-धीरे इंसान का शरीर कमजोर होने लगता है. इसमें दिमाग में मौजूद डोपामिन नामक केमिकल कम होने लगता है, जिससे शरीर को ठीक से कंट्रोल करने में दिक्कत होने लगती है. इस वजह से चलने, बोलने और हाथ-पैरों को हिलाने में मुश्किल होती है.

कैसे होती है ये बीमारी?
पार्किंसंस बीमारी होने की कोई ठोस वजह नहीं होती, लेकिन कुछ कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं. उम्र बढ़ने के साथ खासकर 60 साल के बाद इस बीमारी के होने का खतरा रहता है. इसके अलावा यह जेनेटिक भी हो सकती है. अगर परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो आगे भी होने की संभावना रहती है. वहीं, कुछ रसायनों और टॉक्सिक पदार्थों के ज्यादा संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन की उम्र 72 साल है.

क्या कहते हैं डॉक्टर
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में डायरेक्टर डॉ दलजीत सिंह बताते हैं कि पार्किंसंस दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है. इस बीमारी में शरीर की एक्टिविटी धीरे होने लगती है. शरीर में कंपन रहता और किसी भी काम को करने में परेशानी आ सकती है. इस बीमारी में हाथ कांप सकते हैं. कई मामलों में इस बीमारी में ब्रेन में डोपामाइन भी कम हो जाता है. ऐसे में शरीर को बैलेंस बनाने में परेशानी होती है. मांसपेशियों में कंपन बना रहता है. यह बीमारी आमतौर पर 60 साल की उम्र के बाद होती है. इस बीमारी का ट्रीटमेंट डीप ब्रेन स्टिमुलेशन से किया जाता है. कुछ मामलों में दवाओं से कंट्रोल करने की कोशिश भी की जाती है.

इस बीमारी के लक्षण क्या होते हैं?
पार्किंसंस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं. शुरुआत में हल्के लक्षण दिखते हैं, लेकिन समय के साथ ये गंभीर हो सकते हैं. सबसे आम लक्षण हैं. हाथ-पैरों में कंपन, धीरे-धीरे चलना और शरीर में जकड़न महसूस होना, बोलने में दिक्कत और आवाज कमजोर पड़ना, चेहरे पर उदासी छाना, संतुलन बिगड़ना और गिरने का खतरा बढ़ जाना.

क्या पुतिन को सच में ये बीमारी है?
हाल ही में कुछ वीडियो और तस्वीरों में पुतिन का चेहरा सूजा हुआ और हाथ कांपते हुए देखे गए हैं. साथ ही आंखें लाल हैं, जिससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें पार्किंसंस हो सकता है. हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ अफवाह हो सकती है, लेकिन कुछ का कहना है कि उनके शरीर की हलचल देखकर इस बीमारी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

क्या इस बीमारी का इलाज संभव है?
फिलहाल इसका कोई पक्का इलाज नहीं है. यह बीमारी एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, जो शरीर को कमजोर कर सकती है. सही समय पर इलाज और नियमित देखभाल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. डॉक्टर डोपामिन बढ़ाने वाली दवाएं देते हैं, जिससे लक्षण कुछ हद तक कम हो जाते हैं. कुछ मामलों में सर्जरी (डीप ब्रेन स्टिमुलेशन – DBS) भी की जाती है, जिससे मरीज को राहत मिल सकती है.