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राज्यसभा सांसदों का चुनाव कैसे होता है? कौन करता है मतदान जानिए विस्तार से

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तमिलनाडु की 6 और असम की दो राज्यसभा सीटों पर 19 जून को मतदान होने वाला

नई दिल्ली,01जून 2025 : तमिलनाडु की 6 और असम की दो राज्यसभा सीटों पर 19 जून को मतदान होने वाला है। भारतीय संसद के दो सदनों में से राज्यसभा ऊपरी सदन (Upper House) है। यह एक स्थायी सदन है, जिसे भंग नहीं किया जाता, लेकिन हर दो साल में इसके एक-तिहाई (1/3) सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं। राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं और शेष 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामांकित करते हैं। नामांकित सदस्य वे होते हैं जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला, खेल या समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया हो। इस बीच आज हम जानेंगे की राज्यसभा के सदस्य कैसे चुने जाते है ? आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

राज्यसभा के सदस्य कैसे चुने जाते हैं?

आपको बता दें कि राज्यसभा के सदस्य आम जनता द्वारा सीधे नहीं चुने जाते, बल्कि वे अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। चुनाव में भाग लेने वाले मतदाता वे विधायक होते हैं जो संबंधित राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्य होते हैं। राज्यसभा चुनावों में विधान परिषद (अगर राज्य में है) के सदस्य वोट नहीं देते। इसलिए, राज्यसभा चुनावों को जनता के बजाय जनप्रतिनिधियों का चुनाव कहा जाता है।

ये है राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया

राज्यसभा चुनाव प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम यानी अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत होते हैं। इस प्रणाली में सिंगल ट्रांसफरबल वोट सिस्टम का उपयोग किया जाता है। हर विधायक को अपने मतपत्र पर विभिन्न उम्मीदवारों को उनकी प्राथमिकता के क्रम में अंकित करना होता है — जैसे 1, 2, 3 आदि। यदि कोई उम्मीदवार पहली प्राथमिकता में ही आवश्यक वोट हासिल कर लेता है, तो उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है। यदि ऐसा नहीं होता, तो दूसरे और तीसरे क्रम के वोट गिने जाते हैं और वोटों का स्थानांतरण किया जाता है, जिससे किसी उम्मीदवार को जीत दिलाई जा सके।

जीतने के लिए कितने वोट चाहिए?

राज्यसभा में जीत के लिए आवश्यक वोटों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि उस राज्य में कितने विधायक हैं और कितनी राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है। इसके लिए एक विशेष गणितीय फार्मूला अपनाया जाता है।
[कुल वैध वोटों की संख्या / (सीटों की संख्या + 1)] + 1 = जीत के लिए जरूरी वोट।
उदाहरण के लिए, यदि किसी राज्य में 100 विधायक हैं और वहां 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है, तो प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 26 वोटों की आवश्यकता होगी।

क्रॉस वोटिंग क्या होती है?

राज्यसभा चुनाव में आम तौर पर विधायकों को अपनी पार्टी या पार्टी समर्थित उम्मीदवार को प्राथमिकता देनी होती है। लेकिन कई बार विधायक जानबूझकर विपक्षी उम्मीदवार को वोट दे देते हैं, जिसे क्रॉस वोटिंग कहा जाता है। यह तब देखने को मिलता है जब पार्टी के भीतर असंतोष या राजनीतिक समीकरण बदलते हैं। हिमाचल प्रदेश के हालिया राज्यसभा चुनाव इसका उदाहरण है, जहां सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था।

राष्ट्रपति द्वारा नामांकित सदस्य कौन होते हैं?

राज्यसभा में 12 सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति सीधे नामांकित करते हैं। ये वे लोग होते हैं जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला, खेल या सामाजिक कार्य जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया हो। ये नामांकित सदस्य आमतौर पर किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं होते, लेकिन बाद में पार्टी से जुड़ सकते हैं।

राज्यसभा का महत्व

राज्यसभा का उद्देश्य राज्यों की भागीदारी और उनके हितों की रक्षा करना है। इसके माध्यम से भारत के संघीय ढांचे को मजबूती मिलती है। चूंकि इसके सदस्य विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं जैसे कला, विज्ञान, समाज सेवा इसलिए यह सदन संसद में विविधता और विशेषज्ञता का प्रतीक भी बन जाता है।

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