मुंबई,23मई 2025 : भारत में पैदा होने वाले आम की दीवानगी का आलम ऐसा है कि अमेरिका से लेकर यूरोप और जापान तक इसका बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करते हैं. हर साल भारत पूरी दुनिया को 50 हजार टन से ज्यादा आम खिला देता है. सफेदा, मालदा, दशहरी, सिंदूरी, केसरी, अल्फांसो, रटौल भारत में आम की इतनी किस्में हैं कि आप नाम गिनते थक जाएंगे. ऐसा ही एक आम भारत में पैदा किया जाता है, जो लगभग पूरी तरह जापान को एक्सपोर्ट हो जाता है. इसकी कीमत लाखों रुपये किलो में है.
ये आम ‘मियाजाकी मैंगो’ है, जो मूल रूप से जापान का ही है. लेकिन अब ये भारत में कमर्शियली उगाया जाता है और जापान एक्सपोर्ट कर दिया जाता है. जापान में मियाजाकी मैंगो को एक स्टेटस सिंबल के तौर पर देखा जाता है.
क्यों इतना खास है मियाजाकी आम?
मियाजाकी आम को खास उसका कलर और टेक्सचर बनाता है. इसका बाहरी आवरण हल्का-सा बैंगनी कलर का होता है. वहीं खाने में इसका स्वाद काफी अनोखा होता है. भारत के दक्षिणी राज्यों खासकर पश्चिमी और पूर्वी घाट के इलाकों की जलवायु इसे उगाने के लिए बेहतर है. तभी पुणे से लेकर ओडिशा तक में इसकी अच्छी पैदावार है.
जापान में इस आम को ‘तैयो नौ तमागो’ भी कहा जाता है, जिसका हिंदी अनुवाद ‘सूरज का अंडा’ होता है. इस आम का स्वाद भी सूरज तक पहुंचने जितना ही दुर्लभ है. इसे बेहद लाड़-प्यार से उगाना होता है. हर आम पर नेट लगाकर इसे बड़ा किया जाता है. ये आम विशेष मौसम, सूरज की स्थिति और कड़े मानकों के बीच उगता है. तभी इसका जापान एक्सपोर्ट संभव हो जाता है.
लाखों रुपये में है कीमत
मियाजाकी आम आज की तारीख में भारत के कई किसानों के लिए वरदान बन गया है. इसकी खेती करके किसान लाखों रुपये की कमाई कर पा रहे हैं. इस आम का एक पेड़ भी उन्हें काफी अच्छी कमाई देता है. इसकी वजह ये है कि इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 2.5 लाख से 3.5 लाख रुपये प्रति किलो तक जाती है. 2023 के सरकारी डेटा के हिसाब से भारत ने जापान को 40 टन से ज्यादा आम का निर्यात किया था, इसमें भी एक बड़ी मात्रा मियाजाकी आम की थी.