जांजगीर,26मई 2025(वेदांत समाचार)। जिले में अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं, लेकिन लगातार एक ही फसल लेने से जमीन की उर्वरता घट रही है और खेतों में रोग बढ़ रहे हैं। पैदावार भी कम हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए अब सब्जी आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसका असर भी दिखने लगा है। पामगढ़ क्षेत्र के ग्राम बारगांव के किसान कुंवर सिंह ने खेती का तरीका बदला। उन्होंने परंपरागत धान की जगह सब्जी की खेती शुरू की। नवंबर में कुंदरु की फसल लगाई और नवाचार करते हुए बंपर पैदावार हासिल की।
अब तक उन्हें करीब 3.6 लाख रुपए की आमदनी हो चुकी है और आने वाले दिनों में 1.8 लाख रुपए की और कमाई की उम्मीद है। कुंवर सिंह ने बताया कि उन्हें प्रति एकड़ 30 से 40 क्विंटल उपज मिली, जिसे उन्होंने स्थानीय मंडियों में बेचा। कुंदरु की मांग अच्छी रही और उन्हें अच्छा दाम मिला। उद्यानिकी विभाग की सलाह से अब किसान परंपरागत खेती छोडक़र नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरता भी बनी रहेगी और आमदनी भी बढ़ेगी। नवंबर में रोपण, मार्च में होने लगा उत्पादन किसान ने बताया कि धान की खेती छोड़ कुंदरू की फसल लेने पर उन्हें तीन गुना आमदनी हुई। नवंबर में रोपण किया गया और मार्च से हर सप्ताह 30 से 40 क्विंटल उत्पादन मिला।
बाजार में 15 से 20 रुपए प्रति किलो की दर से बिक्री हुई। 23 मई तक 240 क्विंटल कुंदरू बिक चुका है, जिससे 3.60 लाख रुपए की आमदनी हुई। अक्टूबर तक 1200 क्विंटल उत्पादन की संभावना है। कुंदरू की खेती के लिए 20 हजार रुपए का अनुदान भी दिया जाता है। सहायक संचालक सहायक संचालक रंजना माखीजा ने बताया कि विभाग किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर विविध सब्जी किस्मों की ओर प्रेरित कर रहा है, जिससे उन्हें अधिक उपज और मुनाफा मिल रहा है। तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता दी जा रही है।