नई दिल्ली ,12 अप्रैल 2025 । अमेरिकी नीति में गहन परिवर्तनों का एक उदाहरण न्यूनिक सुरक्षा परिषद सुरक्षा सम्मेलन में उपराष्ट्रपति का भाषण रहा है। वास्तव में मेरे विचार से उससे पहले भी एक बहुत ही प्रभावशाली भाषण था। जिसे शायद उतना ध्यान नहीं मिला। जो पेरिस में एआई एक्शन समिट में था। जो म्यूनिख से कुछ दिन पहले था। तो संयुक्त राज्य अमेरिका में परिवर्तन, जिससे आप सभी परिचित हैं। तो मुझे लगता है कि पिछले वर्ष में एक बड़ा बदलाव है।
लेकिन दूसरा बदलाव है और वो एक विकास है जिसे आप कह सकते हैं कि ये कुछ ऐसा है जो दिखाई देता है, भले ही ये अधिक नाटकीय घटनाओं के बजाए एक खुलासा न हो और वो चीन की उन्नति है। तो ये निश्चति रूप से व्यापार के संबंध में हुआ है। हमने व्यापार की कहानी के रूप में कई तरीकों से जो देखा वो तकनीक की कहानी भी रही है।
जयशंकर ने कहा कि भारत के साथ संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर ट्रंप प्रशासन ने तेजी से प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने यहां आयोजित वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के एक संवाद सत्र में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने दुनिया के साथ जुड़ने के अपने दृष्टिकोण को मौलिक रूप से बदल दिया है और इसका प्रत्येक प्रमुख क्षेत्रों, खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में असर है।
जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शुल्क पर ट्रंप की नीति ने बड़े पैमाने पर व्यापार व्यवधानों और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं को जन्म दिया है। ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों पर शुल्क लगाने के अपने फैसले को 90 दिनों के लिए टालने की घोषणा कर दी है।
इससे व्यापार गतिरोध में तात्कालिक राहत मिलने की उम्मीद है। जयशंकर ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत का कोई ब्योरा न देते हुए संकेत दिया कि भारत इसे जल्द-से-जल्द तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने को उत्सुक है। जयशंकर ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत का कोई ब्योरा न देते हुए संकेत दिया कि भारत इसे जल्द-से-जल्द तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने को उत्सुक है।