क्या अब सोना बेचने का समय आ गया ​है? ये हैं कारण

मुंबई ,17 मार्च 2025: करीब 75 दिन में गोल्ड ने निवेशकों को 14 फीसदी तक का रिटर्न दे दिया है. खास बात तो ये है कि इससे पहले लगातार तीन सालों से गोल्ड ने निवेशकों को 17 फीसदी की सालाना कमाई कराई है. जोकि सेंसेक्स के 11.5 फीसदी के रिटर्न के मुकाबले में काफी ज्यादा है. मौजूदा समय में गोल्ड शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों ही सूरतों में शेयर बाजार पर बढ़त बनाए हुए है. लेकिन यह तुलना तब हो रही है जब सोना नई ऊंचाई पर है और शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या निवेशकों के लिए सोना बेचकर मुनाफा बनाने का वक्त आ गया है. ये बात हम इसलिए भी बोल रहे हैं क्योंकि पुराने इतिहास में ऐसा देखने को मिल चुका है. लगातार तेजी के बाद जब सोने में गिरावट आई तो गोल्ड को दोबार से उसी ऊंचाई पर पहुंचने में काफी वक्त लग गया. आइए जानकारों और आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर गोल्ड में निवेशकों को किस तरह का कदम उठाने की जरुरत है.

क्या गोल्ड पर आने वाला है संकट

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि गोल्ड में जारी बेहतरीन प्रदर्शन जल्द ही खत्म हो सकता है. क्वांटम एएमसी के सीआईओ चिराग मेहता मीडिया रिपोर्ट में जानकारी देते हुए कहते हैं कि वर्तमान में चल रही कई कूटनीतिक वार्ताएं अधिक स्थिर अंतरराष्ट्रीय माहौल पैदा करने में मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, महंगाई पर भी कंट्रोल देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. वेंचुरा सिक्योरिटीज ने एक नोट में संकेत दिया है कि मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की कम संभावना भी सोने की कीमतों पर अंकुश लगाएगी.

विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि निकट अवधि में सोने का रिस्क-रिटर्न पेऑफ इसके पक्ष में नहीं है. यदि सोने के पिछले प्राइस बिहेवियर को इंडीकेटर माना जाए, तो यह ओवरबॉट होता हुआ दिखाई दे रहा है. उदाहरण के लिए, 1970 के दशक से सोने की कीमतों के विश्लेषण से पता चलता है कि सोने की कीमत और उसके 200-दिनों के मूविंग एवरेज के बीच मौजूदा अंतर असामान्य रूप से बड़ा है. इस पैटर्न ने हमेशा सोने की कीमतों में लंबे समय तक कमजोरी की शुरुआत का संकेत दिया है, जो कि अत्यधिक लाभ की अवधि के बाद होता है.

गोल्ड क्यों हो सकता है धड़ाम

एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट के एसवीपी निरंजन अवस्थी का मीडिया रिपोर्ट में कहना है कि वर्तमान में सोना इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन करता हुआ दिखाई दे रहा है. लेकिन आने वाले दिनों में इसका उल्टा भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि 1999 से सेंसेक्स-टू-गोल्ड रेश्यो का विश्लेषण दर्शाता है कि जब यह रेश्यो 1 से कम होता है, तो इक्विटी अगले तीन वर्षों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, और जब यह अनुपात 1 से अधिक होता है, तो सोना अगले तीन वर्षों में इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. वर्तमान रेश्यो 0.96 के दीर्घकालिक औसत से नीचे है. इसका मतलब है कि सोना की कीमतें ज्यादा हैं. अवस्थी रिपोर्ट में कहते हैं कि इक्विटी अगले तीन वर्षों में सोने से आगे निकल सकती है. ऐतिहासिक पैटर्न बताते हैं कि इक्विटी की तरह, सोना भी साइकिल से गुजरता है. बहुत ज्यादा प्रॉफिट होने के बाद गिरावट की एक लंबी अवधि भी देखने को मिली है. वास्तव में, जब भी सोने में गिरावट देखी गई है, तो यह निवेशकों के लिए काफी दर्दनाक रहा है.

बीते 50 साल का इतिहास

इसके एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. जनवरी 1980 में सोने के दाम अपने पीक पर थे. उसके बाद अगले दो साल तक गोल्ड की कीमतों में 56 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. उसके बाद गोल्ड को फिर से पीक पर पहुंचने में करीब 10 साल लग गए. उसके बाद गोल्ड ने नया पीक नवंबर 1989 में देखा था. कुछ ऐसा ही हाल साल 2012 में देखने को मिला था. नवंबर 2012 को गोल्ड के दाम अपने पीक पर पहुंचे और उसके बाद अगले ढाई साल तक 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. नया पीक गोल्ड ने साल 2019 यानी 6 साल 7 महीने के बाद देखा था. इससे पहले फरवरी 1996 में भी गोल्ड अपने पीक को छुआ था. करीब साढ़े तीन साल में गोल्ड में 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. उसके बाद गोल्ड को उसी पीक पर पहुंचने में 6 साल 4 महीने का समय लग गया.

सोने की कीमतों में गिरावट

वैसे सोमवार को देश के वायदा बाजार में गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना 11 बजकर 20 मिनट पर 191 रुपए की गिरावट के साथ 87,800 रुपए पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सोने की कीमत 87,692 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गया था. खास बात तो ये है कि शुक्रवार को गोल्ड के दाम 88,310 रुपए के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था. तब से अब तक गोल्ड की कीमत में 510 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. अगर आज के दिन को छोड़ दिया जाए तो गोल्ड निवेशकों को करीब 14 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. इसका मतलब है कि सोने की कीमत में इस साल 105,00 रुपए से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है.