विशाखापत्तनम,25मार्च 2025 । लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज आशुतोष शर्मा ने एक बार फिर आईपीएल में अपना दम दिखाया। आशुतोष ने पिछले साल भी इसी तरह की पारी खेली थी और अब लखनऊ के विरुद्ध भी उन्होंने ऐसा ही किया। आशुतोष ने 31 गेंदों पर पांच चौकों और पांच छक्कों की मदद से नाबाद 66 रनों की पारी खेली और लखनऊ के मुंह से जीत छीन ली।
आशुतोष के दम पर जीती दिल्ली
आशुतोष शर्मा की अर्धशतकीय पारी की बदौलत दिल्ली कैपिटल्स ने लखनऊ सुपर जाएंट्स को एक विकेट से हराकर अपने अभियान का आगाज जीत के साथ किया। सोमवार को विशाखापत्तनम में खेले गए इस मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी लखनऊ ने निकोलस पूरन और मिचेल मार्श की धमाकेदार अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 20 ओवर में आठ विकेट खोकर 209 रन बनाए। जवाब में दिल्ली ने 19.3 ओवर में नौ विकेट गंवाकर 211 रन बनाए और मुकाबला अपने नाम कर लिया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली की स्थिति अच्छी नहीं थी और उसने 65 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतरे आशुतोष ने अपना दम दिखाया और लखनऊ की कमजोर गेंदबाजी आक्रमण पर अकेले भारी पड़े। उन्होंने विपराज निगम के साथ सातवें विकेट के लिए 55 रनों की साझेदारी की। हालांकि, दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन आशुतोष अंत तक टिके रहे और उन्होंने छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई।
पिछले सीजन पंजाब के लिए खेले थे आशुतोष
आशुतोष इससे पहले पंजाब किंग्स के लिए खेलते थे और उन्होंने पिछले सीजन गुजरात टाइटंस के खिलाफ भी ऐसा ही प्रदर्शन किया था। उन्होंने पंजाब को जीत की दहलीज तक पहुंचाने में आशुतोष ने अहम भूमिका निभाई थी। उस मैच में भी आशुतोष इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतरे थे और उन्होंने शशांक सिंह के साथ मिलकर टीम को जीत दिलाई थी। पंजाब ने हालांकि इस सीजन के लिए आशुतोष को रिटेन नहीं किया था और दिल्ली ने उन्हें खरीदा था।
चंद्रकांत पंडित बने थे विलन
15 सितंबर, 1998 को मध्य प्रदेश के रतलाम में जन्म लेने वाले आशुतोष बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन हैं। वह नमन ओझा के बहुत बड़े फैन हैं जिनका ताल्लुक भी मध्य प्रदेश से है। रतलाम में जन्म के बाद उनकी पढ़ाई-लिखाई इंदौर में हुई। उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए डेब्यू किया था। हालांकि, साल 2020 में चंद्रकांत पंडित के कोच बनने के बाद उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। उनका एकमात्र सहारा उनके बचपन के कोच भूपेन चौहान थे, जिनके समर्थन ने उन्हें कठिन समय में प्रेरित किया। आशुतोष ने 2023 में अपना कोच खो दिया। इसके बाद उन्होंने रेलवे के लिए खेलने का फैसला किया। भारत के लिए खेल चुके विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ने आशुतोष को इस मुकाम तक पहुंचाने में बहुत मदद की।