छत्तीसगढ़ ,08 मार्च (वेदांत समाचार)। प्रदेश के कबीरधाम जिले के परसवारा पंचायत में एक गंभीर अनियमितता सामने आई है, जहां महिला पंचों के पतियों को शपथ दिलाई गई। इस मामले में पंचायत सचिव के खिलाफ निलंबन की कारवाई की गई है¹।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला पंचों के पतियों को शपथ क्यों दिलाई गई? क्या यह पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताओं का एक उदाहरण है? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताएं हैं।
वहीं, कोरबा जिले के जनपद पंचायत में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जनपद पंचायत कोरबा के प्रथम सम्मेलन में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अनुपस्थित थे, लेकिन भाजपा के नेता मौजूद थे²। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या शुरुआती दौर में ही ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं को पीछे धकेला जा रहा है? क्या यह पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताओं का एक उदाहरण है? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताएं हैं।
इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट होता है कि पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताएं हैं और ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं को पीछे धकेला जा रहा है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कबीरधाम जिले के परसवारा पंचायत में महिला पंचों के पतियों को शपथ दिलाने का मामला
कबीरधाम जिले के परसवारा पंचायत में महिला पंचों के पतियों को शपथ दिलाने का मामला सामने आया है। इस मामले में पंचायत सचिव के खिलाफ निलंबन की कारवाई की गई है। यह घटना पंचायती राज व्यवस्था में अनियमितताओं का एक उदाहरण है।
कोरबा जिले के जनपद पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति
कोरबा जिले के जनपद पंचायत में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जनपद पंचायत कोरबा के प्रथम सम्मेलन में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अनुपस्थित थे, लेकिन भाजपा के नेता मौजूद थे। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या शुरुआती दौर में ही ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं को पीछे धकेला जा रहा है? यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।