RAIPUR :रीएजेंट सप्लाई महाघोटाले में: IAS चंद्रकांत वर्मा से EOW ने की 6 घंटे तक पूछताछ…

रायपुर,06मार्च 2025 (वेदांत समाचार) । रीएजेंट और उपकरणों की सप्लाई की आड़ में हुए 660 करोड़ के महाघोटाले में पहली बार सीजीएमएससी के पूर्व एमडी एवं आईएएस अफसर चंद्रकांत वर्मा से ईओडब्लू की टीम ने पूछताछ की है। कार्पोरेशन में हुए दस्तावेजों की छानबीन गिरफ्तार मोक्षित कार्पोरेशन के एमडी से मिली जानकारी के आधार पर लगभग 6 घंटे तक उन पर कई तरह के सवाल दागे गए हैं। मामले में जल्दी ही ईओडब्लू द्वारा दूसरी बड़ी कार्रवाई किए जाने की संभावना है। इस मामले से जुड़े मोक्षित कार्पोरेशन के एमडी शशांक चोपड़ा जेल में हैं।

सूत्रों के मुताबिक ईओडब्लू की टीम ने काफी दिनों तक चोपड़ा से मिली जानकारी के आधार पर सीजीएमएससी के कार्यालय जाकर दस्तावेजों को खंगालती रही। इस प्रकरण में कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है। दवा कार्पोरेशन से कुछ महीने पहले हटाई गई एक महिला अधिकारी कई बार ईओडब्लू के चक्कर लगा चुकी है। इस मामले में सीजीएमएससी के तात्कालीन एमडी एवं आईएएस अधिकारी चंद्राकांत वर्मा को तलब किया गया था। दो दिन पहले उन्हें ईओडब्लू के कार्यालय में हुई गड़बड़ी के मामले में लंबी पूछताछ हुई है। स्वास्थ्य विभाग के इस सबसे बड़े घोटाले में दवा कार्पोरेशन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, स्वास्थ्य संचालनालय से जुड़े कई अफसर शामिल हैं।

खराब हो रही दवाओं पर चुप्पी
इस प्रकरण में स्वास्थ्य केंद्रों में सप्लाई किया गया करोड़ों का केमिकल खराब हो चुका है और उतने की एक्सपायर होने की स्थिति में हैं। सप्लाई हुए सीबीसी सहित अन्य मशीनों का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। इन उपकरणों और रीएजेंट के सदुपयोग के दावे वर्तमान अधिकारियों द्वारा किया गया था मगर अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य केंद्रों तक जरूरी रीएजेंट और दवाओं की सप्लाई अब तक सामान्य नहीं हो पाई है।

न्यायिक रिमांड पर जेल
जनवरी के अंतिम दिन में विभिन्न ठिकानों में छापेमारी के बाद गिरफ्तार मोक्षित कार्पोरेशन के एमडी शशांक चोपड़ा अभी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। 24 फरवरी को उसकी न्यायिक रिमांड की अवधि बढ़ाई गई थी। उसकी अगली पेशी 9 मार्च को होगी।

नहीं हटे अफसर
सीजीएमएससी में काम कर कुछ अफसरों को ईओडब्लू की जांच का हवाला देकर हटाने की सिफारिश की गई थी। विभागीय सहमति मिलने के बाद भी अब तक वे दवा कार्पोरेशन में अपनी सेवा दे रहे हैं। इन अफसरों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर नए लोगों को जिम्मेदारी देने के मामले को ऊपरी दबाव के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इसके अलावा सीजीएमएसी कार्यालय अभी भी कड़ी सुरक्षा में हैं। कार्यालय से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी के अलावा अन्य लोगों की भीतर एंट्री पर मनाही है।