कोरबा,12 जून (वेदांत समाचार)। कोल इंडिया ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड घोषित कर दिया है, जिसके तहत कर्मचारियों को हल्का नीला रंग की शर्ट और काले रंग की पैंट पहननी होगी। इस ड्रेस कोड के पालन के लिए कर्मचारियों को ₹12500/- का भुगतान किया जाएगा। लेकिन कोरबा जिले में स्थित SECL के कोयला खदानों में कार्यरत कर्मचारियों में इस ड्रेस कोड को लेकर उहापोह और डर का माहौल है ।
कोयला खदानों में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि धूल भरी इंड्रस्टी में हल्का नीला रंग का रखरखाव कैसे संभव है। वर्कशॉप के टेकनीशियनों का कहना है कि मरम्मत कार्य में ग्रीस-मोबिल से हमेशा हमारे हाथ सने रहते हैं और इसका हमारे कपड़ों में लगना आम बात है। ग्रीस-मोबिल का दाग कपड़ों से छूटता नहीं है, ऐसे में हमारे साथ बहुत परेशानी होगी ।
कोरबा जिले में SECL के कोयला खदान राजगामा, मानिकपुर, बाकी मोगरा, डेलवाड़ी, पाली में कोयला खदान, एशिया के सबसे बड़े खदान कुसमुंडा, गेवरा, दीपका ये सब खदान हैं। इन खदानों में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि कोल इंडिया के ड्रेस कोड का पालन करना मुश्किल होगा ।
कुछ कर्मचारियों का कहना है कि कोल इंडिया ने अध्यक्ष से लेकर जेनरल असिस्टेंट तक के लिए एक ड्रेस कोड निर्धारित किया है, यह बहुत अच्छी बात है। चाहे जो हो हम ड्रेस कोड का नियमतः पालन करेंगे। लेकिन कोयला खदानों में कार्यरत कर्मचारियों को इस ड्रेस कोड के पालन में परेशानी होगी ।
इस मामले में SECL के अधिकारियों ने बताया कि कोल इंडिया के ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को इस ड्रेस कोड के पालन में किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी ।