गर्मी के मौसम में हम सभी पसीना, धूप और लू से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगते हैं, लेकिन इस मौसम में शरीर के बाकी अंगों के साथ-साथ आंखों की सेहत का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. चिलचिलाती धूप, गर्म हवाएं, तेज धूल और एलर्जी आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो आंखों में जलन, सूखापन, लालिमा और यहां तक कि इंफेक्शन तक हो सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गर्मी में आंखों की देखभाल कैसे करें और किन-किन चीजों से बचना चाहिए.
गर्मी में आंखों को होने वाली समस्याएं
गर्मी के मौसम में आंखों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हेल्थ लाइन डॉट कॉम के मुताबिक, गर्मी का मौसम आते ही कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं, इसमें एक आंखों से जुड़ी भी समस्या हो सकती है. आइए जानते हैं गर्मी में आंखों को होने वाली परेशानी के बारे में.
आंखों का सूखापन: गंगाराम अस्पताल में आंखों के डॉक्टर ए के ग्रोवर. बताते हैं कि गर्मी में शरीर से पानी की कमी हो जाती है, जिससे आंखों की नमी भी कम हो जाती है. इससे आंखों में जलन, खुजली और सूखापन महसूस होता है.
एलर्जी : गर्मी के दिनों में हवा में पराग कण, धूल और प्रदूषण ज्यादा रहते हैं, जो आंखों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं. इससे आंखों में खुजली, लालिमा और पानी आना शुरू हो जाता है.
इंफेक्शन : गर्मी के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. इससे कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
सूरज की किरणों से नुकसान : गर्मी में सूरज की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें आंखों के लिए खतरनाक होती हैं. ये लंबे समय तक आंखों पर असर डालकर मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं.
किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा : आंखों के डॉक्टर ए के ग्रोवर बताते हैं कि गर्मी में वैसे तो सभी को आंखों की देखभाल करनी चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है, जैसे छोटे बच्चे, बुजुर्ग लोग, कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोग, एलर्जी या अस्थमा के मरीज, धूप में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों को आंखों की देखभाल का खास ख्याल रखना चाहिए.
ऐसे रखें अपनी आंखों का ख्याल
डॉक्टर ए के ग्रोवर बताते हैं आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं. क्योंकि आंखों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. घर से बाहर निकलते हैं तो आप धूप वाला चश्मा पहनकर ही निकलें. आंखों को हाइड्रेट रखें और आंखों की सफाई का खास ध्यान रखें.
धूप का चश्मा पहनें : जब भी धूप में बाहर निकलें, अच्छी क्वालिटी का UV प्रोटेक्शन वाला सनग्लास जरूर पहनें. इससे UV किरणों से आंखों को बचाया जा सकता है.
आंखों को हाइड्रेट रखें : पानी खूब पिएं ताकि शरीर के साथ-साथ आंखों में भी नमी बनी रहे. ड्राई आई सिंड्रोम से बचने के लिए आर्टिफिशियल टियर्स भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
हाथों की सफाई रखें : आंखों को रगड़ने से बचें और हमेशा हाथ धोकर ही आंखों को छुएं. इससे इंफेक्शन का खतरा कम होगा.
कॉन्टैक्ट लेंस का ध्यान रखें : अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो लेंस को हमेशा साफ रखें और डॉक्टर की सलाह अनुसार ही पहनें.
आंखों को आराम दें : लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी देखने से बचें. हर 20 मिनट पर 20 सेकंड का ब्रेक लें और दूर देखें. इसे “20-20-20 रूल” कहते हैं.
धूल से बचाव करें : बाहर निकलते समय चश्मा पहनें और तेज हवा में आंखों को ढंक कर रखें. धूल-मिट्टी आंखों में जाने से एलर्जी और संक्रमण का खतरा रहता है.
घर पर भी रखें कुछ सावधानियां
कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें ताकि हवा में नमी बनी रहे. AC का तापमान बहुत कम न रखें, इससे भी आंखें सूखने लगती हैं. घर में साफ-सफाई पर ध्यान दें ताकि धूल और फंगस न जमा हो.
कब डॉक्टर के पास जाएं?
अगर आंखों में लंबे समय तक जलन, सूजन, लालिमा, धुंधलापन या तेज दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. सही समय पर इलाज मिलने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है.