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गोल्ड लोन के बदले जाएंगे नियम, कितना पड़ेगा आम जनता पर असर

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नई दिल्ली ,09 अप्रैल 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा एमपीसी पॉलिसी के घोषणा करते हुए कहा कि सेंट्रल बैंक ने गोल्ड लोन की गाइडलाइन की समीक्षा करने का प्रस्ताव किया है. सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर रेगुलेटिड यूनिट्स (बैंक और एनबीएफसी) द्वारा उपभोग और आय-सृजन दोनों उद्देश्यों के लिए कर्ज दिया जाता है. इस तर​ह लोन के लिए विवेकपूर्ण और आचरण संबंधी रेगुलेशन समय-समय पर जारी किए गए हैं और वे आरई की विभिन्न कैटेगरीज के लिए अलग-अलग होते हैं. इस खबर के आने के बाद गोल्ड लोन के बिजनेस से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है.

आरबीआई ने दिया प्रस्ताव

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि सभी रेगुलेटिड यूनिट्स में ऐसे रेगुलेशंस को सुसंगत बनाने के उद्देश्य से, उनकी रिस्क लेने की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, तथा कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए, ऐसे लोन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों और आचरण संबंधी पहलुओं पर व्यापक रेगुलेशन जारी करने का फैसला लिया गया है. इस संबंध में गाइडलाइन का ड्राफ्ट पब्लिक कॉमेंट्स के लिए जारी किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने निरंतर इनोवेश को बढ़ावा देने और तेजी से विकसित हो रहे फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी)/नियामकीय परिदृश्य के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए नियामकीय सैंडबॉक्स (आरएस) ढांचे को थीम न्यूट्रल और सदा सुलभ बनाने का भी प्रस्ताव दिया है.

किस सैंडबॉक्स पर कर रहा है काम
आरबीआई 2019 से नियामकीय सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क का ऑपरेशन कर रहा है, और अब तक चार विशिष्ट विषयगत समूहों की घोषणा की गई है और उन्हें पूरा किया गया है. सदा सुलभ आवेदन सुविधा की घोषणा अक्टूबर, 2021 में की गई थी. अक्टूबर, 2023 में आवेदन प्राप्त करने के लिए निर्दिष्ट समय अवधि के साथ पांचवें थीम न्यूट्रल समूह की भी घोषणा की गई, जो मई, 2025 में बंद हो जाएगा. इस समूह के तहत, आरबीआई के नियामकीय दायरे में किसी भी पात्र अभिनव उत्पाद या समाधान का परीक्षण किया जा सकता है. मल्होत्रा ने कहा कि अनुभव और हितधारकों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, अब नियामक सैंडबॉक्स को थीम न्यूट्रल और सदा सुलभ बनाने का प्रस्ताव है.

को-लोन के दायरे में होगा विस्तार
केंद्रीय बैंक दबाव वाली परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए एक रूपरेखा का मसौदा भी जारी करेगा. प्रस्तावित रूपरेखा का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत मौजूदा एआरसी (असेट्स रिस्ट्रक्चर कंपनी) उपाय के अलावा, बाजार आधारित तंत्र के माध्यम से ऐसी परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है. गवर्नर ने को-लोन के दायरे का विस्तार करने और विनियमित संस्थाओं के बीच सभी प्रकार की को-लोन व्यवस्थाओं के लिए एक सामान्य नियामकीय ढांचा जारी करने के निर्णय की भी घोषणा की. को-लोन पर मौजूदा दिशानिर्देश केवल प्राथमिकता क्षेत्र के लोन के लिए बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) के बीच व्यवस्थाओं पर लागू होते हैं.

मुथूट के शेयरों में गिरावट
गोल्ड लोन की गाइडलाइंस में बदलाव की खबरों के बाद मुथूट और दूसरी गोल्ड लोन प्रोवाइडर एनबीएफसी में गिरावट देखने को मिल रही है. मुथूट फाइनेंस के शेयरों में करीब 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार कंपनी का शेयर 5.71 फीसदी की गिरावट के साथ 2162.95 रुपए पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 2027.25 रुपए के साथ दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गया. मण्णपपुरम फाइनेंस के शेयरों में 1.66 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और कंपनी का शेयर 225.10 रुपए पर कारोबार करता हुआ दिखाई दिया. वैसे कंपनी का शेयर 221.75 रुपए के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी गया.

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