कोरबा, 10 मार्च (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ के कोरबा में होली का उत्साह चरम पर है, और इस उत्साह को और भी रंगीन बनाने के लिए महिला सहायता समूहों ने हर्बल रंग और गुलाल तैयार किए हैं।
इन रंगों को बनाने में पलाश के फूल, गुलाब, गेंदा, चुकंदर, गाजर, नीम, अमरूद के पत्ते और पालक जैसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है। गुलाल का बेस मैदा, चावल का आटा और अरारोट पाउडर से तैयार किया गया है। खुशबू के लिए चंदन पाउडर और इत्र का भी प्रयोग किया गया है।
इन महिला समितियों का लक्ष्य है कि लोगों को पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक होली मनाने के लिए प्रेरित करना। रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से त्वचा में एलर्जी, खुजली और अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जबकि हर्बल रंग त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं।