कोरबा,15अप्रैल 2025 (वेदांत समाचार): कोरबा जिले में कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग केवल खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। शहर में दर्जनों ऐसी दुकानें हैं, जहां खुलेआम बच्चों को नशा परोसा जा रहा है, लेकिन इन दुकानों पर कार्रवाई करने से अधिकारी कतराते हैं।
केवल छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई
विभाग की निष्क्रियता का आलम यह है कि महज छोटे दुकानदारों पर 200 रुपये की चालानी कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है, वहीं बड़े दुकानदार और माफिया बेखौफ अपने धंधे को अंजाम दे रहे हैं।
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
मंगलवार को कोरबा शहर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम कोटपा एक्ट की कार्रवाई के लिए निकली थी। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे भर की साबित हुई। पूरे अभियान में महज 10 दुकानदारों से 200 रुपये का चालान वसूला गया, जिससे स्पष्ट है कि यह कार्रवाई औपचारिकता मात्र थी।
शराब दुकान में एसी की हवा खा रहे अधिकारी
कार्रवाई के नाम पर घूमने के बाद अधिकारी सीधे प्रीमियम वाइन शॉप पहुंचे और वहां एसी की ठंडी हवा में बैठकर आराम फरमाते नजर आए। इतना ही नहीं, वाइन शॉप का कर्मचारी खुद अधिकारियों की सेवा में लगा हुआ था, जो सवाल खड़े करता है कि कहीं यह सब पूर्व नियोजित तो नहीं था?

शहरवासियों में आक्रोश
शहर के विभिन्न इलाकों में स्कूलों, कोचिंग सेंटरों और छात्रावासों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री खुलेआम हो रही है। इन दुकानों में अक्सर स्कूली बच्चे और किशोर ग्राहक के रूप में देखे जाते हैं। बावजूद इसके, जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी समझ से परे है।
कोटपा एक्ट की मूल भावना का उल्लंघन
कोटपा एक्ट की मूल भावना यह है कि बच्चों और युवाओं को नशे के जाल में फंसने से बचाया जा सके, लेकिन कोरबा में यह कानून मज़ाक बन कर रह गया है। सूत्रों की मानें तो विभाग के कुछ कर्मचारी पहले से ही चुनिंदा दुकानों को ‘न छेड़ने’ की मौखिक सहमति दे चुके हैं।
आगे क्या होगा?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या कोटपा एक्ट के तहत निष्पक्ष और गंभीर कार्रवाई होगी। यदि समय रहते प्रशासन नहीं चेता तो कोरबा आने वाले समय में एक बड़े नशा केंद्र के रूप में बदनाम हो सकता है।