ग्रेटर नोएडा में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए एक कार 30 फीट गहरे नाले में गिर गई. इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर गलती गूगल मैप्स की थी या प्रशासन की लापरवाही की?
यह घटना ग्रेटर नोएडा के P-4 सेक्टर के पास की है. शनिवार रात तीन लोग Maruti Suzuki Swift Dzire कार से पी 3 से कासना की ओर जा रहे थे. वे रास्ता खोजने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन अचानक सड़क खत्म हो गई और तेज रफ्तार कार सीधे 30 फीट गहरे नाले में जा गिरी.
हादसे के बाद, वहां से गुजर रहे दो डिलीवरी बॉयज ने घटना देखी और तुरंत मदद के लिए पहुंचे. कार के दरवाजे अंदर से लॉक थे, इसलिए उन्होंने कठोर वस्तुओं से शीशे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला. घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां कार चला रहे स्टेशन मास्टर की मौत हो गई.
प्रशासन की लापरवाही या गूगल मैप्स की गलती?
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह इलाका काफी संवेदनशील है और पहले भी यहां रोड क्लोजर के कारण हादसे हो चुके हैं. लोगों ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि इस क्षेत्र में बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
हादसे के बाद पुलिस ने क्रेन की मदद से डूबी हुई कार को बाहर निकाला. इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या केवल गूगल मैप्स को दोष देना सही है, या फिर प्रशासन की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है?
गूगल मैप्स पर कितना भरोसा करना सही?
गूगल मैप्स एक उपयोगी तकनीक है, लेकिन इस पर 100 फीसदी निर्भर रहना खतरनाक साबित हो सकता है. खासतौर पर रात के समय या अनजान इलाकों में ड्राइविंग करते समय सड़क संकेतों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है.
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रात में अनजान रास्तों पर गाड़ी चलाते समय अधिक सतर्क रहें. गूगल मैप्स के निर्देशों के साथ-साथ रोड साइन्स पर भी ध्यान दें. यदि रास्ता संदिग्ध लगे, तो स्थानीय लोगों से रास्ता पूछें. प्रशासन को ऐसी संवेदनशील जगहों पर चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग लगानी चाहिए.