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Gold Price: गिरने लगा सोना, क्या सचमुच 88000 तक होगा सस्ता, यकीन करें या नहीं?

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मुंबई,17मई 2025 : अगर आप सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, भारत में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 22 अप्रैल को सोना 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर था, लेकिन इसके बाद इसमें लगभग 7% की गिरावट आई है. एक्सिस सिक्योरिटीज का कहना है कि सोने में कमजोरी के संकेत हैं, और यह पहली बार दिसंबर के बाद 50-दिन के मूविंग एवरेज से नीचे बंद हो सकता है.

सोने में गिरावट क्यों?
ब्रोकरेज फर्म एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि सोने की कीमतों पर वैश्विक कारकों का प्रभाव पड़ रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम हो गई है, जिससे सोने की मांग घटी है. इसके अलावा, बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और ट्रेड वॉर के कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में जाने से बच रहे हैं.

ये है अहम स्तर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में $3,136 का स्तर सोने के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन बिंदु माना जा रहा है. फर्म का मानना है कि 16 मई से 20 मई तक का समय बहुत महत्वपूर्ण है. इस दौरान सोने के दाम में बदलाव हो सकता है. रिपोर्ट में $3,136 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल बताया गया है. अगर सोना इस स्तर से नीचे गिरता है, तो इसके $2,875-$2,950 तक गिरने की संभावना है.

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बाजार में गिरावट का दौर
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर मांग के कारण सोने की कीमतों पर दबाव है. रूस और यूक्रेन वार्ता में देरी और अमेरिकी आर्थिक डेटा में कमजोरी ने सोने की ओर निवेशकों का रुख बढ़ा दिया है, लेकिन गिरावट का रुख अभी भी जारी है.

सोना 88,000 तक गिर सकता है?
बाजार एक्सपर्ट्स के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया कि सोने की कीमतें कम समय में $3,000 – $3,050 (87,000 – 88,000 रुपये) तक गिर सकती हैं. इसका मतलब यह है कि निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का अवसर हो सकती है.

ये है गिरावट का कारण

  1. भारत-पाकिस्तान तनाव में कमी
    12 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद, क्षेत्रीय तनाव में कमी आई है. इससे निवेशकों ने सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों से दूरी बनानी शुरू की, जिससे मांग में गिरावट आई और कीमतें घटी हैं.
  2. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि
    अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड के 4.5% से ऊपर जाने के कारण सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा है. डॉलर की मजबूती से सोना महंगा हो जाता है, जिससे इसकी मांग घटती है और कीमतें गिरती हैं.
  3. अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी
    अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ कम करने पर सहमति बनने से वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आई है. इससे निवेशकों ने जोखिम भरे परिसंपत्तियों की ओर रुख किया, जिससे सोने की मांग में गिरावट आई और कीमतें गिरीं हैं.
  4. निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली
    सोने की कीमतें अप्रैल 2025 में ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई थीं. अब निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की, जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी और कीमतों गिर रही हैं.
  5. शेयर बाजारों में तेजी
    दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी के कारण निवेशकों ने सोने से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश करना शुरू किया, जिससे सोने की मांग में गिरावट आई और कीमतें कम हुईं हैं.

भारत में आज 24 कैरेट सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 95,290 रुपये है, जिसमें बीते दिन के मुकाबले 10 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रही है.

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