मुंबई : अगर शेयर बाजार में जारी गिरावट ने आपके माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं, तो ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. बाजार से आपकी कमाई हो या ना हो, लेकिन सरकार के इस फैसले से पीएफ में जमा आपके पैसे पर इनकम बराबर आती रहेगी. पढ़ें ये खबर…
शेयर बाजार में बीते 7 दिन से भारी गिरावट जारी है. इससे निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी हैं. लाखों लोगों का करोड़ों रुपया अभी तक शेयर बाजार में डूब चुका है. ऐसे में सरकार की ओर से बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पर ब्याज दरों को पहले की तरह ही कायम रखा है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि आपकी शेयर बाजार से कमाई हो ना हो, लेकिन पीएफ में जमा पैसे पर अच्छी इनकम होती रहेगी.
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ईपीएफओ ने 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के डिपॉजिट पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर बरकरार रखी है. ईपीएफओ ने ब्याज दर को ऐसे समय भी बरकरार रखा है जब शेयर बाजार में लगातार गिरावट हो रही है. ईपीएफओ भी कमाई करने के लिए अपने फंड के एक हिस्से का इस्तेमाल मार्केट के लिए किया गया है.
पहले भी बढ़ी हैं EPFO की दरें
इससे पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने फरवरी 2024 में ईपीएफ पर ब्याज दर को 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत कर दिया था. जबकि 2022-23 में ये ब्याज दर 8.15 प्रतिशत थी. ईपीएफओ ने मार्च 2022 में अपने सात करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज दर को 8.1 प्रतिशत किया था. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए तय की गई ये ब्याज दर तब 40 साल का सबसे निचला स्तर था. यह 1977-78 के बाद से सबसे कम ब्याज दर थी. इससे पहले 2020-21 में ये ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी.
CBT का बड़ा फैसला
ईपीएफओ के बारे में फैसला करने वाली सबसे ऊंची इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) है. सीबीटी ने शुक्रवार को अपनी बैठक में 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है. सीबीटी के फैसले के बाद 2024-25 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा.
वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद 2024-25 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के खाते में जमा की जाएगी. ईपीएफओ वित्त मंत्रालय के माध्यम से सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही ब्याज जमा करता है.