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धूल भरी आंधी से आंखों को हो सकते हैं ये नुकसान, डॉक्टर से जानें देखभाल के तरीके

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धूल भरी आंधी में यदि आप घर से बाहर हैं तो आपकी पूरी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन, धूल भरी आंधी का सबसे ज्यादा प्रभाव आंखों पर पड़ता है. धूल भरी आंधी के दौरान यदि आपकी आंखों में धूल के कण चले जाएं तो आंखों में कई तरह की गंभीर बीमारी भी हो सकती हैं. इनसे आखों की रोशनी कम होने का भी खतरा रहता है. यदि आप धूल भरी आंधी में फंस गए हैं तो कुछ सावधानियां जरूर बरतें, जिनसे आप आपकी आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं.

हमारी आंखों को कई तरह का खतरा होता है. इनमें पहला खतरा तो धूप का ही है. इन दिनों लोगों को मोबाइल और लैपटॉप पर ज्यादा समय बिता रहे हैं, इससे भी आंखों को गंभीर खतरा रहता है. इसके अलावा आंखों में धूल या कचरा गिरने से आंखों में घाव भी हो सकते हैं. आंखों में धूल और कचरा गिरने की आशंका सबसे ज्यादा तब रहती है जब धूल भरी आंधी चल रही हो. हालांकि इसका खतरा तेज हवाओं में भी होता है. इसके अलावा गर्म हवाएं भी आंखों को घातक नुकसान पहुंचाती हैं.

आंखों को क्या नुकसान होते हैं
सीनियर आई सर्जन डॉ. संजय तेवतिया बताते हैं कि धूल भरी आंधी में आंखों में धूल और कचरा जाने से आंखों में संक्रमण हो सकता है. जिसके कारण आंखों का लाल होना, जलन, खुजली और नजर का धुंधला होना भी शामिल है. धूल के कण आंखो की सतह पर जख्म बना सकते हैं. जिसके कारण आंखों का लाल होना और सूजन भी शामिल है. आंखों में धूल जाने से आंखों में सूखापन भी हो सकता है. इसके अलावा आंखों में गंभीर एलर्जी भी हो सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान
यदि आंखों में धूल या कचरा चला गया है तो आंखों को रगड़ने से बचें. ऐसा करने से आंखों के अंदर वाली सतह पर जख्म बन सकते हैं. इसकेसाथ ही रेटिना पर भी खरोंच पहुंच सकती हैं. यह दोनों की स्थिति गंभीर हो सकती हैं. आंखों में धूल या कचरा गिरने पर साफ पानी से आंखों को सावधानी से धोएं. यदि ज्यादा परेशानी हो रही है तो डॉक्टर को दिखाएं. डॉक्टर से पूछकर ही कोई उपाय करें.

ऐसे रखें आंखों का ध्यान
आंखों की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए उनकी खास देखभाल करें. आंखों को यूवी रेज, तेज धूप, धूल और संक्रमण से बचाएं. घर से निकलते समय चश्मा जरूर लगाएं. धूप से बचने के लिए यूवी प्रोटेक्टेड सनग्लास का प्रयोग करें. आंखों में धूल जाने पर गुलाब जल से धोएं. या फिर पानी से बार-बार धोएं, जब तक आंखों में किरकिरी खत्म न हो जाए. आंखों को ड्राइनेस से बचाने के लिए डॉक्टर से पूछकर आई ड्रॉप का प्रयोग करें.

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