किडनी खराब होने के कई कारण हो सकते हैं. आमतौर पर खराब खानपान का असर इस अंग पर होता है. अधिक सोडियम, कैल्शियम और पौटेशियम किडनी को खराब करते हैं, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है बीपी हाई रहता है तो भी किडनी पर इसका असर होता है. जेनेटिक कारणों के कारण किडनी खराब होने की संभावना अधिक होती है. अगर शरीर में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो भी इस अंग को नुकसान हो सकता है. ऐसे में किडनी की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है.
किडनी खराब होने से पहले कुछ लक्षण जरूर दिखते हैं. इसकी शुरुआत पेशाब संबंधी समस्याओं से होती है. किडनी में खराबी आने पर पेशाब कम या धीरे -धीरे आता है. पेशाब करते समय आपके पेट में दर्द हो सकता है. खून आ सकता है. किडनी में खराबी आने पर चेहरे और हाथों में सूजन हो सकती है. पैरों में भी सूजन हो सकती है. व्यक्ति को हमेशा थकान महसूस हो सकती है और कमजोरी महसूस हो सकती है.
ये होते हैं गंभीर लक्षण
किडनी में खराबी आने पर मतली और उल्टी हो सकती है. पेट में तेज दर्द हो सकता है. सिरदर्द होने के भी लक्षण दिखते हैं. यह सब संकेत हैं कि किडनी खराब हो रही है. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर शुरुआत में केएफटी टेस्ट की मदद से इस अंग की किसी बीमारी का पता लगाते हैं. इसमें या तो व्यक्ति को एक्यूट किडनी डिजीज होती है या फिर क्रोनिक किडनी डिजीज. एक्यूट का ट्रीटमेंट तो जल्दी हो जाता है, लेकिन क्रोनिक के इलाज में समय लगता है.
कराना पड़ सकता है ट्रांसप्लांट
अगर कोई व्यक्ति किडनी में खराबी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करता है तो ये अंग धीरे- धीरे खराब होने लगता है. इसमे किडनी के काम करने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में व्यक्ति को शुरुआत में डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. अगर डायलिसिस से काम चलता है तो ठीक है लेकिन नहीं चलता तो डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह देते हैं. इसके लिए एक डोनर की जरूरत होती है, जो अपनी किडनी दान करता है.