कान्हा,21 मार्च 2025 । नेटवर्क फॉर कंजर्विंग सेंट्रल इंडिया (NCCI) ने अपने चौथे एग्रोबायोडायवर्सिटी राउंडटेबल का आयोजन एम पी टी जंगल रिज़ॉर्ट, सरही गेट, कान्हा टाइगर रिज़र्व में किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों (CSOs), किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), स्व-सहायता समूहों (SHGs), अनुसंधान संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस राउंडटेबल का मुख्य उद्देश्य कान्हा परिदृश्य में कोदो-कुटकी जैसे सूखा-प्रतिरोधी बाजरा के संरक्षण, उनके ब्रांड विकास, खाद्य सुरक्षा उपायों में सुधार और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक कृषि विज्ञान में एकीकृत करने पर चर्चा करना था। यह आयोजन अगस्त 2023, जनवरी 2024 और अगस्त 2024 में हुए पूर्व सत्रों के निष्कर्षों पर आधारित था।
प्रमुख विषय एवं चर्चाएँ
मिलेट्स के पोषण और पारिस्थितिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए विपणन रणनीतियों पर चर्चा हुई।
फंगल संदूषण और खाद्य सुरक्षा चुनौतियाँ – इस विषय पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के डॉ. मनोज चौधरी और एम एस एस आर एफ (MSSRF) के डॉ. जेगन शेखर ने अपने विचार साझा किए।
ब्रांड विकास रणनीति – MSSRF के डॉ. ओलिवर किंग ने परिदृश्य-आधारित ब्रांड निर्माण पर एक सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर जोर दिया गया।
महिला नेतृत्व की भूमिका – इस संदर्भ में मंडला जिले के बिछिया तहसील स्थित कोको राइट बेकरी का दौरा किया गया, जो मिलेट-आधारित उत्पाद बनाती है। इस पहल का नेतृत्व जमीला बेगम कर रही हैं।
फील्ड विज़िट और अनुभव साझा करना
प्रतिभागियों ने छत्तीसगढ़ के बोडला तहसील स्थित धवईपानी प्रसंस्करण मिल और बीज बैंक का दौरा किया। इस दौरे का नेतृत्व ग्रामोदय ग्राम विकास समिति, छत्तीसगढ़ के कार्यकारी निदेशक चंद्रकांत यादव ने किया। यहाँ महिलाओं द्वारा संचालित बीज संरक्षण और प्रसंस्करण गतिविधियों को देखा गया।
विपणन और ब्रांडिंग पर जोर
कीस्टोन फाउंडेशन की निदेशक डॉ. अनीता वर्गीस ने नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व के अंतर्गत लास्टफॉरेस्ट एंटरप्राइजेज और आधिमालाई ब्रांड्स की सफलता की कहानी साझा की।
प्रतिभागियों ने दोहरी ब्रांडिंग रणनीतियों पर चर्चा की, जो स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कोदो-कुटकी उत्पादों को बढ़ावा दे सकती हैं।
आगे की राह
परिदृश्य ब्रांड के विकास के लिए क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को समझने हेतु मानचित्रण अभ्यास।
स्थानीय समुदायों के अनुभवों से सीखने के लिए स्थापित उद्यमों का दौरा।
खाद्य सुरक्षा और पारंपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक मान्यता प्रदान करने हेतु अनुसंधान एवं प्रयोगशाला परीक्षण।
अगला राउंडटेबल सितंबर 2025 में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ब्रांड विकास पहलों की प्रगति और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन में पारंपरिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के समन्वय पर चर्चा की जाएगी।
NCCI परिचय: नेटवर्क फॉर कंजर्विंग सेंट्रल इंडिया (NCCI) केंद्रीय भारतीय परिदृश्य में लोगों और प्रकृति के सह-अस्तित्व को बनाए रखने के लिए ज्ञान और कार्रवाई को जोड़ने का कार्य करता है।