भारत में डायबिटीज एक कॉमन बीमारी होती जा रही है. डायबिटीज के कारण आज कई समस्या होती जा रही हैं. इसमें स्किन की समस्या तो आम है. डायबिटीज के मरीजों में स्किन डिजीज की समस्या बढ़ने लगती है.
डायबिटीज यानी मधुमेह सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ने की बीमारी नहीं है. बल्कि यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है. खासतौर पर स्किन इससे ज्यादा प्रभावित होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज मरीजों को स्किन इंफेक्शन होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा होता है. इसका कारण शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होना और हाई ब्लड शुगर की वजह से बैक्टीरिया व फंगस का तेजी से बढ़ना है. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो मामूली दिखने वाला इंफेक्शन गंभीर रूप ले सकता है. आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके.
डायबिटीज में स्किन इंफेक्शन का खतरा क्यों ज्यादा?
ब्लड शुगर हाई रहने से बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं. जिससे घाव जल्दी नहीं भरता. इससे इंफेक्शन बढ़ता है. इसके अलावा इम्यून सिस्टम कमजोर होने से शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है. ड्राई स्किन होने से खुजली और दरारें पड़ती हैं, जहां से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
डायबिटीज मरीजों में ये स्किन इंफेक्शन ज्यादा
फंगल इंफेक्शन: डायबिटीज में कैंडिडा फंगस तेजी से बढ़ता है, जिससे खुजली, लाल चकत्ते और जलन हो सकती है. बैक्टीरियल इंफेक्शन: फोड़े-फुंसी, बालों की जड़ में सूजन (फोलिकुलाइटिस) और सेलुलाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. डायबिटिक डर्मोपैथी: इसमें त्वचा पर भूरे-लाल धब्बे बन जाते हैं, जो धीरे-धीरे गहरे हो जाते हैं. इचथायोसिस: इस स्थिति में स्किन बहुत ज्यादा ड्राई हो जाती है और सफेद परत जमने लगती है.
बचाव के लिए एक्सपर्ट की सलाह
ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें: हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. त्वचा को साफ और सूखा रखें: रोज नहाएं, एंटीसेप्टिक साबुन का इस्तेमाल करें और नमी बनाए रखें. छोटे घाव को नजरअंदाज न करें: तुरंत एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखाएं. आरामदायक कपड़े पहनें: सिंथेटिक कपड़ों की बजाय सूती कपड़े पहनें ताकि पसीना जल्दी सूख जाए. डॉक्टर से नियमित जांच कराएं: अगर स्किन पर कोई असामान्य बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
डायबिटीज मरीजों को स्किन इंफेक्शन से बचने के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है. हाई ब्लड शुगर सिर्फ अंदरूनी नहीं, बल्कि बाहरी संक्रमण का भी कारण बन सकता है. ऐसे में सही डाइट, साफ-सफाई और समय पर इलाज से इस समस्या से बचा जा सकता है.