बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में अपनी कथा के दौरान राजा रघुवंशी हत्याकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आजकल के विवाह संबंध इतने जटिल और खतरनाक हो चुके हैं कि हम जैसे अविवाहित युवाओं को शादी से डर लगने लगा है। उन्होंने मजाकिया लेकिन गंभीर लहजे में कहा कि पहले लगता था अरेंज मैरिज सुरक्षित है, फिर लव मैरिज पर भरोसा हुआ, लेकिन अब दोनों ही गलत लगने लगे हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
‘नीले ड्रम वाली देवियां’ और बढ़ता अविश्वास
दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री ने समाज में हो रही वैवाहिक अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में अब “नीले ड्रम वाली देवियों” का ट्रेंड चल रहा है, जो पति की हत्या में शामिल पाई जा रही हैं। उन्होंने राजा और सोनम की घटना को लेकर कहा कि इससे आज की युवा पीढ़ी में शादी को लेकर गहरी शंका और डर पैदा हो रहा है। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी जोड़ा कि हमने सुना है, “पत्नी के सामने न बुद्धि चलती है, न शक्ति।”
सोनम ने पुलिस के सामने कबूला अपना जुर्म
इस चर्चित हत्याकांड में एक बड़ा मोड़ तब आया जब आरोपी सोनम रघुवंशी ने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर लिया। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, मेघालय पुलिस ने जब सोनम को उसके प्रेमी राज कुशवाहा के सामने बैठाकर पूछताछ की, तो उसने सबूतों को देखकर चुप्पी तोड़ दी और अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
3 सुपारी किलर्स की मदद से की गई थी हत्या
सोनम ने पुलिस के सामने यह भी स्वीकार किया कि उसने राज कुशवाहा के साथ मिलकर अपने पति को रास्ते से हटाने की योजना पहले ही बना ली थी। इस हत्या को अंजाम देने के लिए उन्होंने तीन सुपारी किलर्स आकाश राजपूत, विशाल उर्फ विक्की ठाकुर और आनंद कुर्मी की मदद ली थी। पुलिस के अनुसार, ये सब योजनाबद्ध तरीके से किया गया और हत्या के बाद सबूत मिटाने की भी कोशिश की गई।
समाज में उठ रहे सवाल और प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने समाज में न सिर्फ वैवाहिक रिश्तों की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अब रिश्तों में भी लालच, धोखा और साज़िश का जहर फैल चुका है? बागेश्वर धाम के जैसे धार्मिक और सामाजिक प्रभाव रखने वाले व्यक्ति द्वारा दिया गया बयान यह दिखाता है कि इस घटना का असर केवल कानून या मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और भविष्य की सोच पर भी असर डाल रहा है।