Vedant Samachar

बेटी अनुष्का की छठी में खुशियां घोल गई महतारी वंदन की राशि…गरीब दिलेशरी मन्झुवार को हर माह मिलती है महतारी वंदन योजना की राशि

Lalima Shukla
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कोरबा 16 अप्रैल 2025/ लेमरू के घने जंगलों के बीच घोंघीबहरा बसाहट में रहने वाली दिलेशरी बाई जब गर्भवती हुई तो उन्हें घर पर अक्सर आने वाले मेहमान की चिंता थीं। वह सोचती थी कि वह बच्चे का छठी भी नहीं मना पाएगी। इस बीच जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य की महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना की शुरुआत की तो जंगल में रहने वाली दिलेशरी बाई ने भी आवेदन जमा किया। कुछ माह बाद जब योजना की शुरुआत हुई तो उन्हें महतारी वंदन योजना की राशि खाते में जमा होने लगी।

यह राशि दिलेशरी के लिए एक आत्मबल की तरह भी थी। आखिरकार जब घर में नया मेहमान आया तो महतारी वंदन योजना की जमा हुई राशि और घर में जमा की गई कुछ अतिरिक्त राशि से छठी का आयोजन किया गया। छठी में परिवार के सदस्यों के बीच एक दूसरे को खुशियां बांटी गई। हितग्राही दिलेशरी बाई ने बताया कि अगस्त में बेटी अनुष्का के जन्म अवसर पर महतारी वन्दन योजना की जमा हुई राशि बहुत काम आई।


कोरबा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम लेमरू पंचायत अंतर्गत घोंघीबहरा है। यहाँ रहने वाले प्रकाश मन्झुवार की पत्नी दिलेशरी मन्झुवार को हर महीने महतारी वंदन योजना से एक हजार की राशि मिलती है। आसपास मजदूरी के कुछ रुपए जोड़ पाने वाले इस परिवार के लिए महतारी वंदन योजना की राशि एक बड़ी खुशी लेकर आती है। दिलेशरी बाई ने बताया कि वे जंगल पर ही निर्भर है। खेत नहीं है लेकिन उनके घर से लगे भूमि को समतल कर जल्द ही खेत का आकार देकर उसमें फसल बोले का इरादा है। इसके लिए मजदूरों को भी कुछ पैसे देने होंगे। विगत माह से उन्होंने पैसे खाते से नहीं निकाले हैं।

अब इन्हीं पैसों से मिट्टी समतलीकरण कर खेत बनाएंगे। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में जब उन्हें योजना से पैसे मिलते थे तब उन्हें बहुत राहत मिलती थीं। अगस्त माह में पैसे इकट्ठे होने के बाद छठी में किसी और से पैसे नहीं मांगने पड़े। उन्होंने बताया कि अभी खेत समतलीकरण में भी योजना की राशि काम आएगी। दिलेशरी बाई ने महतारी वंदन योजना को गरीब महिलाओं के लिए जीवन का एक बड़ा आधार बताते हुए कहा कि इस राशि के खाते में आने से उन्हें भरोसा रहता है कि जरूरत के समय वे किसी के आगे गिड़गिड़ाएंगे नहीं। इस योजना के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जितना भी धन्यवाद दें वह हमारे लिए कम हैं।

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