बिलासपुर,08 मई 2025(वेदांत समाचार)। जिले के बिल्हा क्षेत्र में सांप के काटने के झूठे दावे के जरिए 3 लाख रुपये का मुआवजा हड़पने की सनसनीखेज साजिश का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में वकील कामता प्रसाद साहू को मास्टरमाइंड बताया गया है, जबकि डॉक्टर प्रियंका सोनी पर फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने का आरोप है। मृतक के परिजनों सहित कुल पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 511 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर की गई है।
बता दें कि घटना 12 नवंबर 2023 की है, जब बिल्हा क्षेत्र के पोड़ी गांव निवासी शिवकुमार घृतलहरे को उल्टी और मुंह से झाग आने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। 14 नवंबर को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने दावा किया कि शिवकुमार की मौत सांप के काटने से हुई। इसके आधार पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सर्पदंश को मृत्यु का कारण बताया गया, जिसके जरिए 3 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गई। हालांकि, एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर मामले की गहन जांच शुरू हुई।
जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इलाज करने वाले डॉक्टर ने पुष्टि की कि शिवकुमार की मृत्यु शराब और जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई थी। शव परीक्षण करने वाले पुलिस अधिकारी को मृतक के पैर पर सर्पदंश का कोई निशान नहीं मिला। आगे की जांच में पता चला कि वकील कामता प्रसाद साहू ने मृतक के परिजनों को झूठा बयान देने के लिए उकसाया और फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करने में डॉक्टर प्रियंका सोनी की मदद ली। जिससे पुलिस ने आरोपी वकील कामता प्रसाद साहू, डॉ. प्रियंका सोनी, मृतक के पिता परागदास घृतलहरे, मृतक की पत्नी नीता घृतलहरे व मृतक का भाई हेमंत घृतलहरे क खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।
गौरतलब हो कि यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब विधानसभा में बिलासपुर में सर्पदंश से होने वाली मौतों का मुद्दा उठा। आंकड़ों के अनुसार, जहां जशपुर में तीन साल में सर्पदंश से केवल 96 मौतें दर्ज हुईं, वहीं बिलासपुर में यह आंकड़ा 431 तक पहुंच गया। इस असामान्य अंतर ने सर्पदंश के दावों पर संदेह पैदा किया, जिसके बाद पुलिस ने ऐसे मामलों की गहन जांच शुरू की।