संयुक्त उद्यम में कोल इंडिया के निवेश को मिली मंजूरी

कोरबा, 25 मार्च I कोल गैसीकरण प्रोजेक्ट के संयुक्त उद्यम में केन्द्र ने कोल इंडिया के निवेश को मंजूरी दे दी है। इससे कोल गैसीकरण परियोजना से लगने वाले प्लांट के लिए राशि की कमी नहीं होगी। साल 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण तक पहंुचने का लक्ष्य है। कोयला गैसीकरण में कोयले को उच्च तापमान पर आक्सीजन, भाप या कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ प्रतिक्रिया कराकर सिंथेटिक गैस (सिन गैस) में बदलने का है।

कोयला गैसीकरण परियोजना के लिए कोल इंडिया व भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम बनाई है। इसी तरह गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के साथ ही कोल इंडिया ने एक संयुक्त उद्यम बनाया है, जो कोल गैसीकरण प्लांट लगाएगा। कोल गैसीकरण प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने केन्द्र ने पहले ही सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में 8500 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड प्रमुख सिन गैस उत्पादन में अनुभवी कंपनी भी है। कोयला गैसीकरण तकनीक कोयले को सिंथेटिक गैस में परिवर्तित करने का है, जिसका उपयोग मेथनॉल, अमोनियम नाइट्रेट, सिंथेटिक प्राकृतिक गैस और उर्वरक के उत्पादन में किया जा सकता है। कोयला गैसीकरण तकनीक विकसित भारत 2047 के मद्देनजर और कोयला जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए कोयले के वैकल्पिक उपयोग की दिशा में पहल की है।

शर्त के आधार पर राजस्व हिस्सेदारी में छूट की मिलेगी सुविधा कमर्शियल माइनिंग से कोल ब्लॉक आवंटित किए जा रहे हैं। गैसीकरण में व्यवसायिक खनन से निकाले गए कोयले के उपयोग पर राजस्व हिस्सेदारी में 50 फीसदी छूट की सुविधा मिलेगी। बशर्ते कुल कोयला उत्पादन का कम से कम 10 फीसदी गैसीकरण प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाया जाए।