CM Sai Cabinet Expansion Delay : अड़ंगा, जोर, जुगाड़ और अफवाहों से टल गया कैबिनेट विस्तार

अमर अग्रवाल से ज्यादा गजेंद्र-पुरंदर के नामों को लेकर सीनियरों को कोफ़्त, विरोध के मद्देनजर कैबिनेट के बजाए राज्य मंत्री से करना न पड़े संतोष

CM Sai Cabinet Expansion Delay :छत्तीसगढ़ शासन में तीन नए मंत्रियों के शामिल करने को लेकर चल रहे प्रयास फ़िलहाल के लिए टल गया है। काफी वक्त से CM साय कैबिनेट के विस्तार की मुहूर्त टल रहा है। अब चौंथी बार तीन नए संभावित मंत्रियों के नामों और संगठन मंत्री की आमदरफ्त के बाद मुख्यमंत्री द्वारा दिए मिडिया को बयान से लगने लगा था कि हनुमान जयंती तक शपथ ग्रहण हो जायेगा।

तीन नए संभावित नामों के खुलासे के बाद से ही भाजपा के सियासी गलियारे में अड़ंगा, जोर, जुगाड़ और अफवाहों की वजह से एक बार फिर बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार ताल दिया गया है। पार्टी के भीतरखाने से खबर आ रही है कि तीन में से दो नए नामों खासकर गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा के नामों को लेकर नाराज और वरिष्ठ विधायकों की भृकुटि तन गई है।

वैसे भी मिनिस्टर इन वेटिंग में वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व अनुभवी मंत्रियों अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी समेत संगठन के चंद नेता भी नाखुश हैं। तीन संभावित नामों में महज अमर अग्रवाल ही ऐसे एकमात्र पार्टी विधायक हैं जिनके नाम पर मुखर विरोध नहीं हुआ है। लेकिन महज जातिगत समीकरण, पैतृक योगदान और ओडिशा लॉबी की वजह से सीनियरों की अनदेखी कर किसी को भी बतौर मंत्री थोप देने का विरोध तेज हो गया है।

प्रदेश संगठन से दिल्ली दरबार तक शटरांग
सूत्रों की मानें तो पुरंदर मिश्रा के लिए पहले विधायक टिकिट के वक्त भी रायपुर से लेकर दिल्ली तक ओड़िया लॉबी लगी रही अब मंत्री पद के लिए वही लॉबी सक्रीय है। जबकि गजेंद्र यादव के लिए उनकी राजनितिक पृष्ठ्भूमि पिता का नाम और बिहार चुनाव में जातिगत समीकरण की वजह से नामजद किया गया है। इसलिए प्रदेश संगठन, वरिष्ठ लेकिन हाशिये पर बैठे छत्तीसगढ़ के पार्टी नेता संघ, आदिवासी कल्याण आश्रम समेत दिल्ली चैनल को खंगलने में लग गए है। लब्बोलुआब यह कि जिन दो नामों पर आपत्ति है कहीं उन्हें राजयमंत्री का दर्जा लेकर ही शांत ना बैठना पड़े।