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जिले में ‘मोर गांव मोर पानी‘ महाभियान का क्लस्टरवार प्रशिक्षण प्रारंभ 6 जून तक चलेगा चरणबद्ध प्रशिक्षण…

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पंचायत प्रतिनिधि व मैदानी टीम को जल संरक्षण की दी जा रही जानकारी

पंचायत प्रतिनिधि व मैदानी टीम को जल संरक्षण की दी जा रही जानकारी

कोरिया,02जून 2025(वेदांत समाचार): मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रदेशभर में शुरू किए गए ‘मोर गांव मोर पानी’ जल संरक्षण महाभियान का कोरिया जिले में चरणबद्ध क्रियान्वयन जारी है। इसी कड़ी में आज से जिले की दोनों जनपद पंचायतों बैकुण्ठपुर व सोनहत में क्लस्टरवार प्रशिक्षण सत्रों की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण आगामी 6 जून 2025 तक चलेगा, जिसमें ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और मैदानी अमले को जल संरक्षण की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है।

कटगोड़ी और पोड़ी बचरा क्लस्टर में प्रशिक्षण सत्र संपन्न
सोनहत जनपद पंचायत के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में कटगोड़ी क्लस्टर के सभी सरपंच, पंच, ग्राम सचिव, रोजगार सहायक व बिहान से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद अध्यक्ष श्रीमती आशा देवी सोनपाकर ने की। इसी तरह बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत पोड़ी बचरा क्लस्टर की 33 पंचायतों के प्रतिनिधियों को जनपद सीईओ की उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया।

पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई जानकारी
प्रशिक्षण में ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान की संकल्पना, उद्देश्यों और क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी गई। सोनहत एवं बैकुण्ठपु मास्टर ट्रेनरो ने प्रशिक्षण का संचालन किया।

उल्लेखनीय है कि ये सभी मास्टर ट्रेनर राज्य स्तर से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अभियान का क्रियान्वयन विज्ञानसम्मत और स्थानीय अनुकूलता के साथ हो।

660 सोखता गड्ढों का निर्माण रिकॉर्ड दर्ज
अब तक जिले में ‘आवा पानी झोंकी’ उप-अभियान के तहत ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में 660 सोखता गड्ढों का निर्माण कर जल संरक्षण के ठोस प्रयास किए जा चुके हैं, जो इस अभियान की सफलता का परिचायक है। प्रशिक्षण में ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच, सचिव, रोजगार सहायक, राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, तकनीकी सहायक तथा महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। सभी सहभागियों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे अपने-अपने ग्रामों में जल संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी और आंदोलन का रूप देंगे।

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