Vedant Samachar

Chhattisgarh : सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाया दुकान, गड़बड़ी में शामिल पटवारी और शिक्षक अब तोड़ रहे घर…

Lalima Shukla
3 Min Read

महासमुंद। वन विद्यालय से लगे सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से दुकान बनाए गए. अब जब जांच शुरू होने जा रहा है, तब पटवारी और शिक्षाकर्मी स्वयं इन दुकानों को तोड़ रहे हैं. 

बता दें कि बीटीआई रोड गौरवपथ स्थित वन विद्यालय से लगे खसरा नंबर 102/5 (1898 वर्ग फुट) जमीन पर बड़े झाड़ का जंगल है. इससे लगे खसरा नंबर 102/4 की जमीन की हल्का पटवारी से मिलीभगत कर जमीन दलाल समेत शासकीय शिक्षकों ने 100 और 20 रुपए के ई-स्टांप के जरिए 40 लाख रुपए में खरीद-फरोख्त की, लेकिन अपनी जमीन की बजाए जमीन दलाल समेत शासकीय कर्मचारियों ने खसरा नंबर 102/5 पर चार दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया. फर्जीवाड़ा में पूरी प्रशासनिक तंत्र जानबूझकर अंजान बने रहा. इस कारण ही भू माफिया, दलाल और शासकीय कर्मचारियों के हौसला बढ़ता गया, जबकि सारा खेल जिला प्रशासन के नाक के नीचे होता रहा. आखिरकार अवैध निर्माण पर वन विभाग ने जांच कर इसकी रिपोर्ट प्रशासन से मांगी. राजस्व अमला ने नाप-जोख तो कर लिया, लेकिन 10 दिन बाद भी रिपोर्ट वन विभाग को मुहैया नहीं कराया है.

क्यों है राजस्व विभाग इतना सुस्त

जिला प्रशासन की ही एक इकाई वन विभाग भी होती है, लेकिन जांच के 10 दिन बाद भी रिपोर्ट डीएफओ के टेबल में न पहुंचना कहीं ना कहीं राजस्व की कार्रवाई को लेकर संकेत दे रहा है. जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में आबादी भूमि बताया गया था, और आज से 10 दिन पूर्व वहीं राजस्व हमले की टीम की जांच पर वह वन विद्यालय के लिए सुरक्षित भूमि और बड़े झाड़ का जंगल मिला है.

कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार

डीएफओ पंकज राजपूत का कहना है कि अवैध कब्जा करने वाले ही अपना कब्जा तोड़ रहे हैं. यह मेरे लिए भी इस नौकरी के कार्यकाल में बड़ा ही आश्चर्य की बात है. रही जांच की बात तो राजस्व अमले ने मेरे आवेदन पर जांच कर अभी तक रिपोर्ट मुझे नहीं सौंपा है. रिपोर्ट आ जाने पर मैं कार्रवाई करने के लिए तैयार हूं.

कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी

वहीं इस मामले में कलेक्टर विनय कुमार लंगहे ने कहा कि अगर मकान बनाने वाले स्वयं उसे तोड़ रहे हैं, तो अच्छी बात है. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी. इस तरह के अवैध कामों में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Share This Article