रायपुर,22 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और दिल्ली पुलिस ने अपने-अपने राज्यों में बांग्लादेशियों को अवैध रूप से भारत में बसाने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में छत्तीसगढ़ ATS ने 3 और दिल्ली पुलिस ने 18 बांग्लादेशी एवं 8 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट मुहैया कराते थे। गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि वे बांग्लादेशियों को अवैध रूप से बसाने में मदद कर रहे थे और इसके बदले पैसे वसूलते थे। पुलिस ने 8 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए घुसपैठ और नौकरी का जाल
गिरफ्तार आरोपियों में चार भारतीयों की पहचान की गई है, जो बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाने में शामिल थे। इस रैकेट का सरगना जुल इस्लाम था, जो पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने कई बांग्लादेशियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट दिलवाया, जिससे वे एयरलाइन कंपनियों में नौकरी भी प्राप्त कर सके।
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इसके अलावा, कुछ बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत के EWS कोटे का लाभ उठाकर अपने बच्चों का दाखिला प्रतिष्ठित स्कूलों में करवा रहे थे। ये लोग लोकल पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव के साइन वाले दस्तावेजों का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनवा रहे थे। बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने अवैध रूप से कमाए गए पैसे को हवाला नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश भेजते थे।
हवाला नेटवर्क से जुड़े तार
पुलिस को इस जांच में हवाला नेटवर्क का भी सुराग मिला है, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक दुकान के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। गिरोह के एक सदस्य की बार-बार बांग्लादेश यात्रा करने की पुष्टि हुई है। यह सिंडिकेट न केवल बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करता था, बल्कि उन्हें नौकरियां और फर्जी दस्तावेज भी उपलब्ध कराता था।
छत्तीसगढ़ में ATS की बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ ATS ने रायपुर से गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी नागरिकों के पासपोर्ट निरस्त करवा दिए हैं। साथ ही, उनके फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी को भी रद्द करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। तीनों गिरफ्तार बांग्लादेशी – मोहम्मद इस्माइल (27), शेख अकबर (23) और शेख साजन (22) – रिश्ते में भाई हैं। ये 8 फरवरी को रायपुर से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे और फर्जी दस्तावेजों के सहारे इराक भागने की फिराक में थे, लेकिन समय रहते ATS ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बांग्लादेशी मास्टरमाइंड फरार, पुलिस की दबिश जारी
ATS की जांच में सामने आया कि ये तीनों बांग्लादेशी रायपुर के मोहम्मद आरिफ नामक व्यक्ति की मदद से आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बनवाने में सफल रहे थे। इस पूरे नेटवर्क को शेख अली नामक व्यक्ति चला रहा था, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए दस्तावेज तैयार कर उन्हें खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था।
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शेख अली अब फरार हो चुका है और पुलिस को उसके बांग्लादेश भागने की आशंका है। छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने बांग्लादेश बॉर्डर तक जाकर छानबीन की, लेकिन फिलहाल वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।
2017 से जारी था फर्जी दस्तावेजों का खेल
ATS की जांच में पता चला कि यह गिरोह 2017 से ही बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता दिलाने और फिर उन्हें खाड़ी देशों में भेजने का अवैध धंधा कर रहा था। रायपुर का एक चॉइस सेंटर संचालक मोहम्मद आरिफ भी इस गैंग का हिस्सा था, जो पैसों के बदले फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी तैयार करता था।
ATS को संदेह है कि इस गिरोह की मदद से कई अन्य बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश छोड़ने की योजना बना रहे हैं। इस मामले में आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।