भिलाई,16जून 2025(वेदांत समाचार)। भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में 97 लाख रुपए की लागत से हो रहे तालाब सौंदर्यीकरण में भारी लापरवाही सामने आई है। वार्ड क्रमांक 9 शीतला पारा स्थित बमनीन तालाब की नई बनी दीवार मात्र आधे घंटे की बारिश भी नहीं झेल सकी और लगभग 100 फीट तक ध्वस्त हो गई। इस घटना से निगम की कार्यप्रणाली और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बारिश में उजागर हुई सच्चाई
रविवार शाम अचानक मौसम बदला और तेज बारिश शुरू हुई। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में भारी बारिश के दौरान बमनीन तालाब की तटबंध दीवार भरभराकर गिर गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, दीवार की नींव बेहद कमजोर थी और काम पूरा होने से पहले ही ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया था।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लगाए कमीशनखोरी के आरोप
सांसद प्रतिनिधि विपिन चंद्राकर और स्थानीय पार्षद सुषमा चंद्राकर ने निगम पर खुलेआम कमीशनखोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने बार-बार निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। अधिकारियों से निरीक्षण की मांग भी की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज उसी लापरवाही का नतीजा सबके सामने है।
महापौर बोले – जांच के बाद होगी कार्रवाई
महापौर निर्मल कोसरे ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि तालाब की दीवार गिरने की जानकारी मिली है। अधिकारियों से चर्चा कर जांच कराई जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।
ठेकेदार को पहले ही मिल चुका है भुगतान
जानकारी के अनुसार, 97 लाख की लागत में से ठेकेदार को आधे से अधिक राशि का भुगतान पहले ही कर दिया गया था, जबकि निर्माण कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। दीवार गिरने से निगम की तकनीकी निगरानी प्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।
एक ओर राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और जल स्त्रोतों के संरक्षण पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर निगम स्तर पर घटिया निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार इस प्रयास को धक्का पहुंचा रहे हैं। बमनीन तालाब की दीवार का गिरना केवल एक निर्माण दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में फैली अनदेखी और मनमानी का प्रतीक बन गया है। अब निगाहें इस पर हैं कि निगम जांच कर दोषियों पर क्या कदम उठाता है – या यह मामला भी किसी दीवार की तरह वक्त के साथ ढह जाएगा।