Vedant Samachar

CG NEWS:लघु सिंचाई प्रणाली के आंकलन के लिए अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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दुर्ग,27 मार्च 2025 (वेदांत समाचार)। सातवीं लघु सिंचाई संगणना और द्वितीय जल निकायों की गणना के क्रियान्वयन हेतु आज लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, और नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी को लघु सिंचाई और जल निकायों की गणना से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। 7वीं लघु सिंचाई संगणना और जल निकायों की दूसरी संगणना का क्रियान्वयन वर्ष 2023-24 के अभिलेखों के आधार पर पटवारियों द्वारा सम्पादित किया जाएगा।

इस संगणना का मुख्य उद्देश्य राज्य में लघु सिंचाई साधनों की पूर्णरूपेण गणना करना, खरीफ, रबी, मौसम में साधनवार सिंचाई क्षेत्रफल ज्ञात करना, लघु सिंचाई साधनों में से कितने साधनों द्वारा पूरक सिंचाई की जाती है यह ज्ञात करना तथा इन साधनों के योगदान का आकलन करना एवं राज्य में जल निकाय की पूर्णरूपेण गणना करना है।

लघु सिंचाई कार्यो की विस्तृत संगणना की सिफारिश सबसे पहले योजना आयोग ने 1970 में की थी। राष्ट्रीय कृषि आयोग ने भारत में लघु सिंचाई की स्थिति की विस्तार से जांच की और सिफारिश की कि सिंचाई स्त्रोतों की संगणना पांच साल में एक बार की जानी चाहिए।

इसे ध्यान में रखते हुए 1987-88 में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के साथ एक केंद्रीय योजना लघु सिंचाई सांख्यिकी का युक्तिकरण( आरएमआईएस) शुरू की गई थी। अब तक छह संगणनाएं आयोजित की जा चुकी है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर विरेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर हरवंश सिंह मिरी, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लता उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर हितेश पिस्दा व लवकेश धु्रव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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