रायपुर, 16 मई 2025। अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर प्रत्युषा फाउंडेशन ने रायपुर के वृंदावन हॉल, सिविल लाइन में “एकल माँ प्रसूति सम्मान समारोह” आयोजित किया। इस कार्यक्रम में समाज की उन माताओं को मान्यता दी गई, जिन्होंने जीवन के संघर्षों को न केवल सहा बल्कि उसे प्रेरणा में बदला।
प्रत्युषा फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति दास मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में उन माताओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने पति के निधन के बाद अकेले बच्चों, परिवार, ससुराल और मायके की जिम्मेदारी निभाई और जीवन की चुनौतियों को पार करते हुए अपने बच्चों को शिक्षित और संस्कारित किया। उनका यह समर्पण हर समाज के लिए प्रेरणा है।
कार्यक्रम में कई माताओं की कहानियाँ साझा की गईं। पुष्पा जी ने रेलवे में नौकरी के साथ अपने बच्चों को शिक्षित किया और आज उनके बच्चे सरकारी नौकरी में हैं। मोती दुबे ने गर्भावस्था में पति को खोया और टिफिन का काम करते हुए अपने बच्चे को इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाया। सुमित्रा देवी ने अकेले परिवार संभाला और आज उनकी चार पीढ़ियाँ उनके आशीर्वाद से फल-फूल रही हैं। शांति देवी ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई, जो सबके लिए प्रेरणा बन गई।
कार्यक्रम में अनेक माताओं के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों से लोग शामिल हुए। प्रत्युषा फाउंडेशन ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में वे एकल माताओं के लिए स्थायी सहायता समूह बनाएंगे, जहाँ आर्थिक सहायता, कानूनी सलाह, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और कौशल विकास प्रदान किया जाएगा। यह पहल न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकल माताओं के प्रति जागरूकता और समर्थन का संकल्प भी है।