एमसीबी ,06 मई 2025(वेदांत समाचार)। कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सुशासन तिहार 2025 के संबंध में प्रेस-वार्ता ली। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। शासन-प्रशासन के हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शासकीय कार्यों में पारदर्शिता आए, योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन हो और इनका लाभ उन जरूरतमंद वर्गों तक समयबद्ध ढंग से पहुंचे, जिनके लिए योजनाएं बनाई गई हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी की मंशा के अनुरूप राज्य में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन किया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में कलेक्टर ने जिले के सभी पत्रकारों से समाधान शिविरों के ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करने की अपील की, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने बताया कि सुशासन तिहार का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, शासकीय योजनाओं की समीक्षा और निगरानी, विकास कार्यों में तेजी लाना और जनता, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना है। सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित हुआ, जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं और मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए हैं। आवेदन समाधान पेटी, शिविर और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लिए गए हैं। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर की गई थी।
उन्होंने बताया कि एमसीबी जिले में कुल 41 हजार 7 सौ तिरसठ आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें कुल लंबित आवेदन 17,451 हैं, वहीं 24,247 आवेदनों का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने कहा कि सुशासन तिहार के दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कर संबंधित विभाग जिले के दोनों विधानसभाओं के जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजकर उनके गुणवत्तापूर्ण निराकरण की कार्रवाई की जा रही है। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जा रहा है। आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा जिला और राज्य स्तर पर की जा रही है। तीसरे एवं अंतिम चरण की शुरुआत 05 मई 2025 से हो रही है, जो 30 मई 2025 तक चलेगी। इस दौरान जिले के 8 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। नगरीय निकायों में भी शिविर लगाए जाएंगे। जिले में कुल 21 समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे।