0.छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की आहट
रायपुर,08 अप्रैल (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की आहट तेज हो गई है। सरकार सुशासन तिहार मनाने जा रही है, जिसके पहले प्रशासनिक बदलाव के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सकता है। उच्च पदस्थ अफसरों के बीच चल रही चर्चा के मुताबिक सरकार करीब 18 जिलों के एसपी और 3 रेंज के आईजी के प्रभार में बदलाव कर सकती है।
सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह काम करने वाले अफसरों की मैदानी तैनाती करेगी और लॉ एंड ऑर्डर को मजबूत करने वाले अफसरों को फील्ड में भेजेगी। जुगाड़ के रास्ते पोस्टिंग पाने वाले अफसरों पर पहली गाज गिरेगी। इसके अलावा जुआ-सट्टा, अवैध शराब, जमीन दलाली जैसे काम में लगे अफसरों की छुट्टी तय है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले एसपी कांफ्रेंस के दौरान अफसरों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है और लॉ एंड ऑर्डर के मामले में गड़बड़ी पाए जाने पर सीधे एसपी जिम्मेदार होंगे।
सरकार ने एसपी के कामकाज पर कड़ी निगरानी रखी है और अब ट्रांसफर होने की स्थिति में निगरानी में सामने आए तथ्य बड़ा आधार बनेंगे। आधा दर्जन से ज्यादा जिलों के एसपी के कामकाज से सरकार नाखुश है और ऐसे एसपी पर सरकार आंख तरेर सकती है।
लंबे समय से एसपी और आईजी के ट्रांसफर की चर्चा चल रही थी, लेकिन पहले निकाय चुनाव और बाद में विधानसभा के बजट सत्र की वजह से ट्रांसफर रोक दिए गए। संकेत है कि अब सरकार कभी भी ट्रांसफर आर्डर जारी कर सकती है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक धमतरी, नारायणपुर, खैरागढ़, बेमेतरा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, मुंगेली, सक्ती, जांजगीर चांपा, कोरबा और महासमुंद जिलों के एसपी ट्रांसफर के रडार पर आ सकते हैं।
इनमें से कई जिलों के एसपी के कामकाज से सरकार संतुष्ट है और सरकार ऐसे एसपी को ठीक-ठाक जिले में पोस्ट कर सकती है। वहीं कई एसपी लूप लाइन में भेजे जा रहे हैं। धमतरी और नारायणपुर जिले के एसपी सेंट्रल डेपुटेशन पर जा रहे हैं और जाहिर है इन जिलों में नए चेहरे तैनात किए जाएंगे।
चर्चा यह भी है कि 2020 बैच के आईपीएस अफसरों को बतौर एसपी पोस्टिंग दी जा सकती है। कहा जा रहा है कि इस बैच के करीब चार आईपीएस एसपी बन सकते हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रस्तावित बदलाव में दो से तीन रेंज के आईजी के प्रभार भी बदले जा सकते हैं।
इनमें रायपुर, सरगुजा और बिलासपुर रेंज के आईजी हो सकते हैं। रायपुर रेंज के आईजी के पास ईओडब्ल्यू-एसीबी की भी जिम्मेदारी है और ईओडब्ल्यू-एसीबी कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही है। ऐसे में उन्हें रायपुर रेंज की जिम्मेदारी से रिलीव किया जा सकता है।
सरकार का मानना है कि अफसरों को काम दिखाने के लिए कम से कम दो साल का वक्त दिया जाना चाहिए। पूर्ववर्ती सरकार में अफसरों के दिलों की धड़कन इस बात को लेकर बढ़ी रहती थी कि न जाने कब उनका अगला ट्रांसफर कर दिया जाए। चंद महीनों में ही अफसर बदल दिए जाते थे।