Vedant Samachar

छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाले में CBI जांच की मांग

Lalima Shukla
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2200 करोड़ के शराब घोटाले में CBI जांच की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग

रायपुर,18 अप्रैल 2025। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख नरेश चंद्र गुप्ता ने छत्तीसगढ़ में हुए 2200 करोड़ के शराब घोटाले में CBI जांच की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।

गुप्ता ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य एजेंसी की जांच अधूरी है और महत्वपूर्ण सुरागों को जानबूझकर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

गुप्ता ने अपने पत्र में कहा कि शराब बिक्री से जुड़ी अवैध नकदी को स्थानीय थानों में एकत्र किया गया और फिर उसे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (इंटेलिजेंस) अभिषेक महेश्वरी के माध्यम से अनवर ढेबर के ‘सेफ हाउस’ तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि यह पूरा नेटवर्क, जिसे शिकायतकर्ता ‘कैश चैनल’ बता रहे हैं, EOW/ACB की जांच में शामिल ही नहीं है।

यह खुलासा छत्तीसगढ़ के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक “The Hitavada” के खोजी पत्रकार मुकेश एस सिंह की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें उन्होंने इस घोटाले के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया है।

शिकायतकर्ता : भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख नरेश चंद्र गुप्ता

गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को देखते हुए यह जरूरी है कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच केवल CBI ही कर सकती है। राज्य एजेंसी पर अब भरोसा नहीं बचा है।

क्या है मामला ?

शराब घोटाले में आरोप है कि वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब कारोबार से जुड़ी गड़बड़ियों का सिलसिलेवार विवरण सामने आया है। बारकोड ठेकों में पारदर्शिता नहीं रखी गई, कई डील एक ही ठेकेदार को बिना पुनः निविदा प्रक्रिया के दी गईं। स्टॉक रजिस्टर, गोदाम लॉग और ई-पेमेंट विवरणों में भिन्नता पाई गई, जबकि RTI में मांगी गई जानकारियां ‘रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं’ बताकर टाल दी गईं।

कौन हैं आरोपी ?

शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, CSMCL के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी, निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया, अशिष वर्मा, मनीष बंछोर, संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा, विकास उर्फ सुब्बू, संजय दीवान, अरविंद सिंह और अनवर ढेबर के नाम शामिल हैं।

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