मुंबई,30 मार्च 2025: जब कोई अपना नया बिजनेस शुरू करता है, तो वह अपने आराध्य माता पिता और भगवान के सामने मत्था टेकता है. काम अच्छे से चले इसके लिए उनसे आशीर्वाद लेता है. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में एक ऐसा भी मंदिर है. जहां भक्त न केवल भगवान से बिजनेस के लिए प्रार्थना करता है बल्कि उनके साथ डील भी साइन कर आता है. आइए हम आपको ऐसे ही भक्त और भगवान की बिजनेस पार्टनरशिप से जुड़े मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद करोड़ों रुपये तक का चढ़ावा भगवान को चढ़ाता है. इस मंदिर से छोटे से लेकर बड़े-बड़े कारोबारियों तक ने पार्टनरशिप की है.
कौन सा है मंदिर
देश के लगभग सभी इलाकों में आपको मंदिर देखने को मिल जाएंगे. उनके सामने लोगों को प्रार्थना और पूजा-अर्चना करते हुए भी देखते होंगे. हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं. वह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है और उसका नाम सांवलिया सेठ मंदिर है. यह भगवान श्री कृष्ण का मंदिर है. यहां पर भक्त अपनी बिजनेस मनोकामना को लेकर आते हैं. बकायदा एक पेपर पर लिखते हैं कि प्रभु अगर हमारा काम ठीक तरीके से चल गया तो हम आपको 20 फीसदी तक की हिस्सेदारी देंगे. यह हिस्सेदारी कई बार 20 फीसदी से ज्यादा रहती है. भक्त मंदिर के दान पेटी में अपनी बात लिखकर मंदिर की दान पेटी में डाल देते हैं. जब महीने भर के बाद दान पेटी खुलती है, तब उन चिट्ठियों को इकट्ठा करके रख लिया जाता है.
सांवलिया सेठ

ऐसी मान्यता है कि लोगों की जब मनोकामना पूरी हो जाती है, उनका बिजनेस अच्छे से चल जाता है. तब वह मंदिर में आकर डील के हिसाब से रकम दान करते हैं. बिजनेस करने वाले लोगों के अलावा यहां पर किसान भी आते हैं. उपज अच्छी होने की प्रार्थना करते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी होती है, तब वह अपने मुनाफे के हिसाब से सांवलिया सेठ मंदिर में दान देते हैं.
कितने का आता है चढ़ावा
चित्तौड़गढ़ के इस मंदिर में हर महीने की अमावस्या को दान पेटी खुलती है, जिसमें से करोड़ों रुपये निकलते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर को हर साल करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा दान मिलता है. हर महीने पार्टनरशिप वाली हजारों चिट्ठियां भी दानपात्र से निकलती हैं. इसमें भक्त अपना नाम पता नहीं लिखता है और मंदिर का प्रबंधन भी इसका लिखित में रिकॉर्ड नहीं रखता है.