परिवहन विभाग का कोई नियंत्रण नहीं संचालकों पर
कोरबा,06 मई 2025(वेदांत समाचार)। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उद्देश्य यही है कि यात्रियों को किफायती और अच्छी सुविधा दी जाए। परमिट और किराया का निर्धारण इसी आधार पर परिवहन विभाग करता है। इन सबके बावजूद कोरबा से संचालित हो रही इंटर स्टेट बसों में किराया के नाम पर न केवल मनमानी है बल्कि लूट मची हुई है। मजबूरी के चक्कर में लोग यात्रा कर रहे हैं और अपनी जेब से समझौता करने को विवश हैं।
कोरबा जिला परिवहन अधिकारी के संज्ञान में यह विषय लाया गया है। भाजपा नेता अनिल चौरसिया ने इस बारे में शिकायत की है। कहा गया कि कोरबा जिले से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड के लिए जाने वाले बसो में अत्यधिक किराया लिया जा रहा है। जिससे गरीब व मध्य वर्गीय लोगों को जेब कट रहा है। बस मालिक राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने का लाभ पा रहे हैं और मनमौजा किराया वसूल रहे हैं। एक स्लीपर सीट में दो लोग को बैठने का नियम है लेकिन दो लोग के स्थान पर चार लोगों का पैसा वसूला जा रहा है । उत्तर भारत और पूर्वांचल की दिशा में जाने वाले सभी बसों में मनमाना किराया लेने से इस क्षेत्र में आवागमन करने वाले लोग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सवाल उठाया गया है कि परिवहन विभाग को जो शक्तियां और जिम्मेदारी मिली हुई है आखिर उस पर ध्यान क्यों नहीं है।
गर्मी के सीजन में यात्रियों का दबाव बढऩे के साथ मनमानी और ज्यादा हो गई है। एक तरफ ओवरलोडिंग पर परिवहन विभाग आए दिन कार्रवाई करता है लेकिन इंटर स्टेट बसों की क्या दुर्गति है इस पर उसका ध्यान नहीं जाता। इस संबंध में अनिल चौरसिया ने स्पष्ट रूप से कोरबा जिला परिवहन अधिकारी को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए अत्यधिक किराया लेने वाले बसों पर कार्यवाही करने की मांग की है।