Vedant Samachar

BREAKING NEWS:रायगढ़ में 2 चट्टानों के बीच फंसा बेबी एलिफेंट रायगढ़ में रात भर चिंघाड़ता रहा; रेस्क्यू के बाद सूंड से पुचकारते हुए ले गई मां…

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रायगढ़ ,30 मार्च 2025 (वेदांत समाचार): छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में एक बेबी एलिफेंट गड्ढे में गिरकर चट्टानों के बीच फंस गया। रातभर हाथियों का झुंड आसपास रहकर जंगल में मदद के लिए चिंघाड़ता रहा।

हाथी के बच्चे ने खुद बहुत कोशिश की लेकिन वह बाहर नहीं निकल सका। इस बीच सुबह सूचना मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा। टीम ने रेस्क्यू कर शावक को बाहर निकाला और उसे झुंड में मां से भी मिलाया।

कैसे हुआ रेस्क्यू जानने से पहले देखिए ये तस्वीरें

जानिए क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की रात तकरीबन 2-3 बजे बाकारूमा रेंज के जामबीरा बीट के जंगल में 2 हाथियों का दल घूम रहा था। एक हाथी दल में 25 और दूसरे दल में 15 हाथी मौजूद थे।

इसी बीच 25 हाथियों के दल से एक बच्चा अचानक गड्ढे में गिर गया और चट्टानों के बीच फंस गया। बेबी एलिफेंट के साथ ही हाथियों का झुंड मदद के लिए चिंघाड़ता रहा। सुबह तक उनकी आवाज जंगल से आ रही थी।

हाथी मित्र दल ने सुनी आवाज

सुबह करीब 7 बजे हाथी मित्र दल के सदस्य ट्रैकिंग के लिए निकले, तो उन्होंने चिंघाड़ने की आवाज सुनी। वे समझ गए कि कोई हाथी मुसीबत में है। इसके बाद खोजबीन करने पर गड्ढे में गिरने की जानकारी मिली। हाथी मित्र ग्रुप ने मामले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी।

शुरू हुआ रेस्क्यू, चट्टानों के बीच बनाया गया रास्ता

सूचना के बाद तत्काल DFO, SDO के निर्देश पर वन अमले ने रेस्क्यू शुरू किया। 20-25 वनकर्मी समेत हाथी मित्र दल चट्टानों के बीच फंसे हाथी को बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने लगे। करीब 1 घंटे के रेस्क्यू के बाद शावक को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अब उसे उसकी मां से मिलाना था।

शावक को घेरे के बीच रखकर जंगल ले गए

वन विभाग की टीम ने बेबी एलिफेंट को निकालकर एक घेरा बनाया। उसे बीच में रखकर वनकर्मी दोनों तरफ से धीरे-धीरे उसे झुंड की ओर ले जाने लगे। इस दौरान जंगल में हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज आ रही थी। करीब 3 घंटे बाद वन अमले ने नारंगी वन क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 391 RF में शावक को उसके झुंड से मिला दिया।

ड्रोन से की गई निगरानी

झुंड के बीच आने के बाद हाथियों का बर्ताव किस तरह का है, उसकी निगरानी ड्रोन के जरिए की जा रही थी। बताया जा रहा है कि शावक को झुंड ने अपना लिया है। वन अमले ने 7-8 किमी तक ट्रैकिंग भी की। ताकि उनके मूवमेंट की जानकारी वन अमले को मिलती रही।

शावक को सुरक्षित मां से मिलाया गया

इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि, हालातों का जायजा लेने के बाद रेस्क्यू शुरू किया गया था। इसके बाद सबसे बड़ी चुनौती शावक को उसकी मां से मिलाने की थी, लेकिन वन अमला ने वह कर दिखाया और शावक को झुंड से मिलाया।

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