कोरबा,14 मई (वेदांत समाचार)। कोरबा वन मंडल के कनकी परिक्षेत्र में वन संपदा की लूट का खेल खुलेआम चल रहा है। बीते पांच दिन पूर्व कटरापारा गांव में आंधी-तूफान से गिरे एक विशाल सरई के पेड़ की जप्त की गई कीमती लकड़ी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले में संबंधित बीट गार्ड और वन परिक्षेत्र अधिकारी गोलमोल जवाब देकर मामले को दबाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम कटरापारा में गिरे इस पेड़ की सूचना वहां के चौकीदार द्वारा तत्काल बीट गार्ड कपिल कंवर को दी गई थी। बीट गार्ड ने मौके पर पहुंचकर नापजोख की और चौकीदार को निर्देश दिया कि लकड़ी को ट्रैक्टर में लादकर बरपाली डिपो भेजा जाए। रात 8 बजे ट्रैक्टर में लोडिंग कर लकड़ी रवाना कर दी गई, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी यह कीमती लकड़ी न तो डिपो पहुंची और न ही बीट गार्ड के बताए अनुसार उनके शासकीय आवास पर पाई गई।
जब मीडिया टीम ने बीट गार्ड के शासकीय निवास संडाइल पहुंचकर सच्चाई जांची, तो वहां लकड़ी का कोई नामोनिशान नहीं मिला। इससे स्पष्ट है कि या तो लकड़ी रास्ते से ही गायब कर दी गई, या फिर किसी मिलीभगत के तहत उसे कहीं और ठिकाने लगा दिया गया है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी से जब जवाब मांगा गया, तो उन्होंने टालमटोल कर जवाब देने से बचने की कोशिश की। यह संदेह को और गहरा करता है कि इस पूरे प्रकरण में अंदरखाने कोई बड़ा खेल खेला जा रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर यह जप्त की गई लकड़ी गायब हो चुकी है, तो क्या इसकी जवाबदेही तय की जाएगी? क्या जिम्मेदार अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई होगी, या फिर इस पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया जाएगा?
वन संपदा की इस खुली लूट से एक ओर जहां शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं, वहीं यह भी जरूरी हो गया है कि वन मंडल अधिकारी इस प्रकरण पर संज्ञान लें और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें।