Vedant Samachar

Bisleri Vs Aquapeya: अब इस ब्रांड का बाजार में नहीं मिलेगा पानी, कोर्ट ने दिया आर्डर

Vedant Samachar
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नई दिल्ली ,02 अप्रैल 2025: भारतीय पैकेज्ड वॉटर इंडस्ट्री में एक बड़ा विवाद सामने आया है. हाल ही में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्टार्टअप Aquapeya को बिसलेरी इंटरनेशनल के ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में उत्पादन और बिक्री रोकने का आदेश दिया है. यह मामला भारतीय व्यापारिक जगत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व को उजागर करता है.

कैसे शुरू हुआ यह मामला?


Aquapeya एक उभरता हुआ पैकेज्ड वॉटर ब्रांड है, जिसने लोकप्रिय रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया के सीजन 4 में भाग लिया था. जनवरी में प्रसारित एक एपिसोड में, Aquapeya को जज नमिता थापर और रितेश अग्रवाल से ₹70 लाख की फंडिंग मिली थी. इस डील में 3% इक्विटी और 1% रॉयल्टी का प्रावधान तय किया गया था, जिससे स्टार्टअप का कुल मूल्यांकन ₹23.33 करोड़ हो गया था.

हालांकि, फरवरी में बिसलेरी इंटरनेशनल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में Aquapeya के निर्माता Natvits Beverages के खिलाफ ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दर्ज कराया. बिसलेरी का दावा है कि Aquapeya के ट्रेडमार्क और इसकी पैकेजिंग उनके पंजीकृत ट्रेडमार्क से काफी मिलती-जुलती हैं, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम पैदा हो सकता है.

कोर्ट का फैसला क्या रहा?


बॉम्बे हाई कोर्ट ने बिसलेरी की याचिका को स्वीकार करते हुए Aquapeya को अपने उत्पादों की बिक्री और उत्पादन तुरंत रोकने का निर्देश दिया. कोर्ट ने माना कि ब्रांडों की बौद्धिक संपदा की रक्षा करना आवश्यक है और प्रतिस्पर्धी बाजार में नए खिलाड़ियों को मौजूदा स्थापित ब्रांडों की पहचान की नकल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

बिसलेरी को क्यों था आपत्ति?


बिसलेरी भारत में पैकेज्ड वॉटर इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम है. इसकी ब्रांड पहचान कई दशकों से बनी हुई है. बिसलेरी का आरोप था कि Aquapeya ने उनकी ब्रांडिंग और मार्केट पहचान से मिलते-जुलते तत्व अपनाए हैं, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम पैदा हो सकता है.

बिसलेरी भारत का अग्रणी पैकेज्ड वॉटर ब्रांड है

Aquapeya की पैकेजिंग और ब्रांडिंग बिसलेरी से मिलती-जुलती है
नए स्टार्टअप्स को मौजूदा ब्रांडों के बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करना चाहिए

Aquapeya के लिए बड़ा झटका

Aquapeya के लिए यह कोर्ट का आदेश एक बड़ा झटका साबित हुआ है. कंपनी ने हाल ही में निवेशकों से महत्वपूर्ण फंडिंग हासिल की थी और बाजार में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही थी. हालांकि, यह मामला दर्शाता है कि किसी भी नए उत्पाद या सेवा को लॉन्च करने से पहले बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है.

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