रबात/नई दिल्ली,03जून 2025 । अफ्रीकी देश मोरक्को में इस साल ईद अल-अजहा (बकरीद) से पहले सरकार ने कुर्बानी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह ऐलान खुद राजा मोहम्मद VI ने देश में भीषण सूखे और आर्थिक संकट को देखते हुए किया है। आदेश के बाद देशभर में बकरे और अन्य कुर्बानी के जानवरों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है और पहले से खरीदे गए जानवर जब्त किए जा रहे हैं।
शाही फरमान के बाद बकरा बाजार बंद
सरकारी आदेश के बाद मोरक्को में सभी पशु बाजार बंद कर दिए गए हैं, जिससे हजारों व्यापारी और किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुर्बानी के जानवर बेचने वालों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
धार्मिक आजादी पर सवाल
मोरक्को की 99 फीसदी आबादी मुस्लिम है और बकरीद यहां प्रमुख धार्मिक त्योहार है। ऐसे में इस प्रतिबंध से देशभर में गहरी नाराजगी फैल गई है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हैं, जिनमें पुलिस घरों में घुसकर भेड़ और बकरों को जब्त कर रही है। आम जनता इसे धार्मिक रीति-रिवाजों में सरकारी हस्तक्षेप और पवित्र परंपराओं का अपमान मान रही है।
समर्थन और विरोध दोनों
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला संकटपूर्ण जल संकट और आर्थिक मंदी को देखते हुए लिया गया है। कुछ लोगों ने सरकार के कदम को समय की मांग और जनस्वास्थ्य के हित में बताया है, जबकि धार्मिक संगठन और स्थानीय नागरिक इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बता रहे हैं।
सवाल उठा: क्या सरकार को है धार्मिक रीतियों पर रोक का हक?
इस फैसले ने एक नई बहस को जन्म दिया है – क्या किसी सरकार या राजा को धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगाने का अधिकार है? मोरक्को और मुस्लिम देशों में इस पर बहस तेज हो गई है।
राजा मोहम्मद VI के इस फैसले से पूरे मुस्लिम वर्ल्ड की निगाहें अब मोरक्को पर टिकी हैं। आने वाले दिनों में यह मामला राजनीतिक और धार्मिक तनाव का कारण बन सकता है।