नई दिल्ली,05जून 2025। पाकिस्तान से बकरीद से पहले एक चिंताजनक खबर सामने आई है। देश के पंजाब और सिंध प्रांतों में अहमदिया मुस्लिम समुदाय को ईद मनाने और कुर्बानी करने से सख्त मना किया गया है। सरकार की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर समुदाय ने आदेश का उल्लंघन किया, तो ₹5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, इस प्रतिबंध के तहत अहमदिया समुदाय से हलफनामा भरवाया जा रहा है, जिसमें उन्हें बकरीद से दूर रहने का वादा करना होता है। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कई जगहों पर पुलिस ने अहमदिया नागरिकों को हिरासत में लेना भी शुरू कर दिया है। बकरीद 7 जून को मनाई जाएगी, जो इस्लाम धर्म का एक पवित्र त्योहार है। इस दिन दुनियाभर के मुसलमान बकरा, ऊंट या अन्य जानवरों की कुर्बानी देते हैं, लेकिन पाकिस्तान में अहमदियाओं के लिए यह धार्मिक स्वतंत्रता भी गैरकानूनी बना दी गई है।
मानवाधिकार संकट की ओर इशारा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की जून 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत में कम से कम 36 अहमदिया नागरिकों को सिर्फ ईद न मनाने देने के लिए मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया।
पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय 1974 के संवैधानिक संशोधन के बाद से मुस्लिम की कानूनी मान्यता से वंचित है। देश में इनकी संख्या लगभग 20 लाख है, लेकिन इन्हें कुरान पढ़ने, नमाज़ अदा करने और धार्मिक परंपराएं निभाने तक से रोका जाता है। न सिर्फ कानूनी भेदभाव, बल्कि अहमदिया समुदाय लगातार हमलों, धमकियों और सामाजिक बहिष्कार का भी सामना कर रहा है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने इस पर चिंता जताई है और पाकिस्तान सरकार से सांप्रदायिक भेदभाव समाप्त करने की अपील की है।